2024 में सनातन विरोधियों को मोक्ष मिलने वाला है: बाबा रामदेव

सुरेश गांधी/जितेन्द्र सिंह चौधरी

वाराणसी। योग गुरु बाबा रामदेव ने सनातन धर्म पर अनरगल बयानबाजी व गाली देने वालों पर जमकर हमला बोला। कहा सनातन धर्म को गाली देने वालों को 2024 में मोक्ष मिलने वाला है। ’सनातन धर्म’ में जाति या लिंग के नाम पर कोई भेदभाव नहीं है। दोष उनका है जिन्होंने गुण, कर्म व सामर्थ्य के आधार पर जाति व्यवस्था बना दी है। योग गुरु बाबा रामदेव शुक्रवार को शहर के सिगरा स्थित रुद्राक्ष कंवेशन सेंटर में प्रख्यात लेखक एवं मीडियाधर्मी हेमंत शर्मा की पुस्तक “60 के हेमंत” विमोचन के मौके पर आयोजित समरोह में मुख्य अतिथि के रुप में साहित्यकारों, विद्वानों व राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों सहित काशी के संभ्रात नागरिकों को संबोधित कर रहे थे।
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र जैसे शब्दों के मकड़जाल में सनातन धर्म को घसीटना कहीं से भी न्याय संगत नहीं है। जाति व्यवस्था कर्म के आधार पर बनायी गयी है। जो न्याय व आदर्श स्थापित करें वह क्षत्रिय, जो अंधकार को दूर करें, वह ब्राह्ण और जो अभाव को दूर करें, वह वैश्य है, इसमें सनातन को लपेटना तर्क संगत नहीं है। सनातन में किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं है। जाति, लिंग या लैंगिक भेदभाव के नाम पर हिन्दू धर्म को जातियों में बांटने वाले तुच्छ मानसिकता क द्योतक है। सनातन धर्म से विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करें, वह सनातन है। ये तनातनी संस्कृति सनातनी संस्कृति नहीं हो सकती’। सनातन सास्वत सत्य है। सनातन अनादि है, सनातन अनंत है। उन्होंने कहा कि हेमंत शर्मा 60 के नहीं ठाट के हो गए है। एक मंच पर इतने सारे लोगों का आना अपने आपमें बड़ी बात है। हेमंत शर्मा का कोई सपना नहीं था लेकिन उन्होंने अपना टीवी चैनल बनाया है जबकि आज के दौर में टीवी चैनल चलाना बहुत कठिन कार्य है।
हेमंत शर्मा जाति से ब्राह्मण है लेकिन इनका संबंध सभी जातियों से है। आजकल जो जातियों को लेकर विवाद है, सनातन धर्म पर उल्टा पुल्टा बोल रहे हैं, उनसे कहिए कि 2024 में मोक्ष मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि सत्ता में भी जो सनातन धर्म के प्रति निष्ठा रखे, उसका साथ दें। कई लोग कहते हैं कि मैं भाजपा का समर्थक हूं, यह गलत है। मैं किसी दल का समर्थक नहीं हूं। मैं तो सनातन का समर्थक हूं। जो सनातन और हिंदू राष्ट्र की बात करे, आप भी उसका साथ दें। बुरे लोगों का हम पर शासन नहीं होना चाहिए। बच्चों को भी धर्म ग्रंथों की शिक्षा जरूर दें। उन्हें रामायण, महाभारत, गीता, उपनिषद पढ़ाएं। बच्चों को अंग्रेजी, संस्कृत, हिंदी, विज्ञान सब पढ़ाएं लेकिन शासन और सत्ता में भी जो सनातन धर्म के प्रति निष्ठा रखता हो उसी का समर्थन करो जो सनातन के साथ नहीं उसका भगवान मोक्ष करेंगे।
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि अखंड भारत को इंडिया नाम ब्रिटिश हुक्मरानों ने दिया था। आजादी के बाद से ही इसका इस्तेमाल हो रहा है। कुछ चंद लोग इंडिया कहने में खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। अपने देश का नाम तो इंडिया था ही नहीं। यह नाम हमें गुलामी की याद भी दिलाता है। अब इंडिया की जगह भारत नाम का ही इस्तेमाल होना चाहिए और किसी को भी इंडिया की जगह भारत कहने से परहेज नहीं करना चाहिए। रामदेव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश उत्तरोत्तर प्रगति के पथ पर प्रवाहमान हो रहा है। यह समय सनातन धर्म के गौरव का काल है। संपूर्ण विश्व में सनातन धर्म की गूंज सुनाई दे रही है। संपूर्ण विश्व भारत का अनुसरण कर रहा है और आशा भरी निगाहों से हमारी तरफ देख रहा है। योग में सनातन धर्म और राष्ट्र धर्म निहित है।
रामदेव ने कहा कि मैं सनातनी के नाम पर तनातनी नहीं लाना चाहता। मैं साधू संतों और नेताओं के किसी भी बयान से इत्तेफाक नहीं रहता. मैं सिर्फ सत्य का उपासक हूं। उन्होंने कहा कि सभी अपने अपने धर्म पर आगे बढ़े और अच्छा कर्म करें। इससे धर्म अपने आप अच्छा हो जाएगा। मेरा मकसद पॉलिटिकल टेररिज्म फैलाना नहीं है। बाबा रामदेव ने कहा कि काशी एक शाश्वत नगरी है यह अनादि और अनंत है। यहां शिव की उपासना होती है। अपने पूरे वैभव के साथ काशी विश्व के आकर्षण का केंद्र बन चुकी है। हेल्थ टूरिस्ट, रिलिजियस एंड स्पिरिचुअल टूरिज्म, नॉलेज टूरिज्म में भी इजाफा हुआ है। विरोधियों ने सनातन की गलत व्याख्या कर जातियों को आपस में लडाना चाहते है। हिन्दू धर्म में कुछ लोगों ने अपने निजी स्वार्थ के चलते गलत व्याख्या कर रहे हैं। जबकि सनातन सत्य है, सनातन शाश्वत है, सनातन भारत की सांस्कृतिक विरासत है।
इसके पहले अन्य वक्ताओं ने कहा कि हेमंत शर्मा एक व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व हैं। हेमंत शर्मा का व्यक्तित्व लेखन को आच्छादित करता है। हेमंत शर्मा सिर्फ अपनी आंखों से ही सपने नहीं देखते हैं। वे सभी की आंखों से सपना देखते हैं। सही मायने में कहा जाए तो यूं ही कोई हेमंत शर्मा नहीं हो जाता। हेमंत जी जिस भी पुस्तक की समीक्षा लिख दी, वह लेखक हो गया। उनका व्यक्तित्व काफी व्यापक है। वे बहुकोणीय व्यक्तित्व के स्वामी है। वे एक विरासत है। सही मायने में हेमंत 60 के नहीं हेमंत 8 के हैं। इसके पूर्व प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, केंद्रीय शिक्षा मंत्री तथा कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, प्रख्यात कवि व साहित्यकार डॉ कुमार विश्वास, राज्यसभा सांसद राम गोपाल यादव, पुस्तक के संपादक डॉ उमेश प्रसाद सिंह व हेमंत शर्मा ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके पहले वैदिक ब्राह्मणों ने मंगलाचरण किया। इसके बाद अभीलिप्स पांडे ने हर-हर शंभू हर हर महादेव गाकर समारोह को और भी खुशनुमा बना दिया। डॉ कुमार विश्वास ने अपनी मैं काशी हूं, मैं काशी हूं, गाकर लोगों को चाब हंसाया। उन्होंने कहा कि काशी में जाइए तो विश्व मिल जाता है, भारत के हर जगह पर, घर-घर में काशी होनी चाहिए।
इस मौके पर संकट मोचन के महंत प्रो विश्वम्भरनाथ मिश्र, सूत्रधार के रूप में बोल रहे जवाहर लाल विश्वविद्यालय के प्रो. पुष्पेश पंत, आयुष मंत्री डा. दयाशंकर मिश्र दयालू, स्टांप पंजीयन मंत्री रविंद्र जायसवाल, नंद गोपाल नंदी, अनिल राजभर, मेयर अशोक तिवारी, राकेश दत्त त्रिपाठी, गुलशन कपूर समेत भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।mn

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