प्रधानमंत्री आवास नहीं बनने दे रहे दबंग
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जौनपुर। बदलापुर तहसील क्षेत्र की निवासी एक मां व दो बेटी हफ्तों से कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दे रहे हैं। वे डीएम से गुहार लगा रही हैं कि प्रधानमंत्री आवास उनका आवंटित है लेकिन उनके दबंग विपक्षी आवास नहीं बनने दे रहे हैं। ऐसे में उनके पास रहने के लिए कोई स्थान नहीं है। लिहाजा जब तक उनका आवास नहीं बन जाता तब तक उनको कलेकट्रेट परिसर में रहने दिया जाय।जिलाधिकारी को दिए पत्र में उन्होंने कहा कि हम प्रार्थिनी के पास कोई घर या छप्पर नहीं है। घर से बेघर होने पर वे रहने कहां जाय? पीएम आवास बनवाने में विपक्षीगण द्वारा अवरोध उत्पन्न किया जा रहा है। उपजिलाधिकारी बदलापुर व थाना सिंगरामऊ की मिलीभगत से प्रार्थिनी के आवास को बनने से रोका गया जिसके परिप्रेक्ष्य में उपजिलाधिकारी बदलापुर व थानाध्यक्ष सिंगरामऊ को प्रार्थना पत्र दिया गया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसके बाद जिलाधिकारी के यहां प्रार्थना पत्र दिया तो उनके आदेश पर तहसीलदार बदलापुर व पुलिस टीम द्वारा आवास बनाये जाने हेतु जमीन की निशानदेही की गयी। दो दिन का अवसर लेने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।
मां व दोनों बेटियों ने जब तक आवास नहीं बनता है तब तक कलेक्ट्रेट परिसर में रहने की अनुमति हेतु प्रार्थना पत्र दिया और वहीं धरने पर बैठ गयीं लेकिन थाना लाइन बाजार दोनों बेटियों के साथ उसकी मां को थाने ले गयी। इसके बाद पुलिस वाले उनको किसी होटल में ले जाने की बात कह रहे थे। उन लोगों के मना करने देर रात थाने से भगा दिया गया। मजबूरन 1076 पर काल करके इन लोगों ने बताया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। मजबूर होकर तीनों ने प्रार्थना पत्र देकर डीएम से आवास न बनने तक कलेक्ट्रेट परिसर में रहने की अनुमति मांगी है, क्योंकि इन लोगों के पास रहने के लिए कोई छत नहीं है।
मां व दोनों बेटियों ने जब तक आवास नहीं बनता है तब तक कलेक्ट्रेट परिसर में रहने की अनुमति हेतु प्रार्थना पत्र दिया और वहीं धरने पर बैठ गयीं लेकिन थाना लाइन बाजार दोनों बेटियों के साथ उसकी मां को थाने ले गयी। इसके बाद पुलिस वाले उनको किसी होटल में ले जाने की बात कह रहे थे। उन लोगों के मना करने देर रात थाने से भगा दिया गया। मजबूरन 1076 पर काल करके इन लोगों ने बताया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। मजबूर होकर तीनों ने प्रार्थना पत्र देकर डीएम से आवास न बनने तक कलेक्ट्रेट परिसर में रहने की अनुमति मांगी है, क्योंकि इन लोगों के पास रहने के लिए कोई छत नहीं है।