जौनपुर में निरंकारियों ने मनाया मुक्ति पर्व
जौनपुर। संपूर्ण भारतवर्ष में जहां 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया, वहीं निरंकारी जगत ने इस दिन को आत्मिक स्वतंत्रता पर्व के रूप में मनाते हुए ‘मुक्ति पर्व’ नाम से सम्बोधित किया।
इस मौके पर देश भर में व्याप्त मिशन की सभी शाखाओं में विशेष सत्संग कार्यक्रम आयोजित किए गये। जौनपुर नगर के मड़ियाॅहू पड़ाव स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन, पट्टीनरेंद्रपुर, मदरहा, लखमापुर, चंदवक, थानागद्दी, गौरीशंकर, मुंगराबादशाहपुर, दुर्गापार, सिकरारा, मीरगंज, नौपेडवा में भी ‘मुक्ति पर्व’ समागम का आयोजन हुआ। सभी स्थानों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु, भक्त सम्मिलित हुए जो सभी संतों ने जन—जन की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करवाने वाली इन दिव्य विभूतियों के प्रति अपनी श्रंद्धाजलि अर्पित की गयी। मड़ियाहूं पड़ाव स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में उपस्थित संतों को सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महराज के पावन संदेशों को बताते हुए महात्मा वशिष्ठ नारायण पांण्डेय ने कहा कि मिशन की यही धारणा है कि जहाँ हमें अपने भौतिक विकास तथा उन्नति के लिये किसी भी अन्य देश की पराधीनता से मुक्त होना आवश्यक है, उसी भांति हमारी अंतरात्मा को भी आवागमन के बन्धन से मुक्ति दिलाना अति अनिवार्य है। यह केवल ब्रह्मज्ञान की दिव्य ज्योति से ही संभव है क्योंकि यह दिव्य ज्योति ही हमें निरंकार प्रभु परमात्मा के दर्शन करवाती है। इस अवसर पर तमाम महिला व पुरूष भक्त उपस्थित रहे।