पुरूषोत्तम मास में चल रहे श्रीराम कथा में उमड़ रही भारी भीड़
https://www.shirazehind.com/2023/08/blog-post_85.html
जौनपुर। मां शीतला चौकियां धाम के माता श्री आश्रम में पुरुषोत्तम मास में चल रहे श्रीराम कथा प्रवचन के दौरान कथा वाचक सीताराम नाम शरण जी महाराज ने बताया कि परमात्मा से जीवात्मा का मिलन कराने वाले ही सदगुरु ही हैं। अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले सदगुरु ही हैं। मानव जीवन में जब मुसीबत परेशानी संकट पैदा हो जाती है तो सच्चे सदगुरु की शरण में जाने से गुरु कृपा दृष्टि प्रभाव से ही मानव जीवन का कल्याण हो जाता है। सच्चे सदगुरु की शरण में जाने से सत्संग, प्रभु नाम जप—कीर्तन से जीवात्मा से परमात्मा का मिलन हो जाता है। जीवन के अंधकार समाप्त हो जाते हैं। जीवात्मा से परमात्मा का मिलन कराने वाले ही सच्चे सदगुरु ही है। गुरु की शरण में रहकर ही प्राणी ज्ञानी व महान बनता है। कथा प्रसंग के दौरान उन्होंने बताया कि प्रत्येक जीव को संचालित करने वाली शक्ति व आत्मा परमात्मा का अंश है। आत्मा का परमात्मा से मिलना ही मानव जीवन का उद्देश्य है। इसके लिए सर्वप्रथम आत्मा को जानना होगा। आत्मा का प्रत्येक अनुभव करने के लिए पश्चात ही परमात्मा से मिलन सम्भव है। उन्होंने आगे कहा कि गुरु व ईश्वर में कोई भेद नहीं होता अर्थात गुरु ही शिव है, गुरु ही देव है एवं गुरु के बिना मनुष्य के जीवन में कुछ नहीं है। बिना गुरुकृपा के भव सागर पार नहीं हो सकता। जिस प्रकार मानव जीवन को बोलने के लिए जुबान, देखने के लिए आंख व जीवित रहने के प्राण की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार ईश्वर मिलन के गुरु की जरूरत होती है। बड़े जतन से मानव शरीर मिलता है, इसलिए इसका सदुपयोग करना चाहिए। इस अवसर पर प्रवीण तिवारी, राधारमण तिवारी, गौरव तिवारी, सुधीर दत्त तिवारी, दिनेश त्रिपाठी, गिरजा त्रिपाठी, विकास मोदनवाल, सूरज मोदनवाल, प्रमोद मोदनवाल, विकास मोदनवाल, गणेश साहू समेत अनेक लोग मौजूद रहे।