शिक्षिका के प्रयास से बदली विद्यालय की सूरत
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बक्शा, जौनपुर। बेसिक शिक्षा में इन दिनों बदलाव की जबरदस्त बयार चल रही है। जहां सरकार द्वारा विद्यालयों का कायाकल्प कर दिया गया है, वहीं नवाचारी और उत्साही शिक्षकों भी प्रयास किये जा रहे। ऐसे ही प्रयासों में शामिल हैं बक्शा ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय रन्नो पर तैनात शिक्षिका प्रीति श्रीवास्तव जो 2013 में जनपद स्थानांतरण के पश्चात इस विद्यालय में नियुक्त हुईं। विद्यालय में बच्चे जमीन पर टाट पर बैठकर पढ़ते थे। शिक्षिका ने सामुदायिक सहयोग से विद्यालय की तीनों कक्षाओं कक्षा 6, 7, 8 हेतु डेस्क बेंच की व्यवस्था की। बच्चों के नामांकन में वृद्धि तथा विद्यालय में ठहराव हेतु स्वयं के पैसे से प्रोजेक्टर खरीदा। विद्यालय को आकर्षक बनाने हेतु विद्यालय की दीवारों पर खुद से आकर्षक चित्रांकन किया।शिक्षिका के शब्दों में सरकारी विद्यालय होने के बावजूद यहाँ की छात्र संख्या और उपस्थिति दोनों कम थी तथा जिस हेतु विद्यालय में बच्चों के नामांकन वॄद्धि हेतु सर्वप्रथम विद्यालय को आकर्षक स्वरूप देना था, प्रोजेक्टर तथा डेस्क बेंच की व्यवस्था की। इसके बाद नामांकन में सुधार हुआ तथा विद्यालय में नामांकन होने लगा। इन सबके साथ 2016 में प्रथम बार समर कैंप तथा जन्मदिन मनाना शुरू किया गया जिसका बहुत ही बढ़िया असर पड़ा। स्टाफ के शिक्षकों को प्रेरित कर आपसी सहयोग से विद्यालय की दीवारों पर ट्रेन बनवाया गया जो आकर्षण का केंद्र है। बता दें कि शिक्षिका ने अपने व्यक्तिगत सहयोग से विद्यालय में ढेरों कार्य तथा नवाचार किये हैं जिनके कारण वह प्रदेश भर में जानी जाती हैं। उनके इस कार्य को लेकर इसके पहले के जिलाधिकारियों ने खुले मंच से शिक्षिका के कार्यों की प्रशंसा करते हुये सराहना किया है। शासन—प्रशासन द्वारा कई बार सम्मानित शिक्षिका हज़ारों शिक्षकों की प्रेरणास्त्रोत भी हैं तथा शिक्षकों हेतु कई क्षमता संवर्धन ऑनलाइन कार्यशालाएं एवं संगोष्ठियां भी आयोजित करती रहती हैं।