बारिश के लिए मुस्लिम बंधुओं ने दूसरे दिन भी खुले आसमान में की इबादत

गुनाहों का नतीजा है बारिश न होना बोले उलेमा

खेतासराय(जौनपुर)चिलचिलाती धूप से सूख रही फसल से चिंतित मनेछा के मुस्लिम बन्धुओं ने दूसरे दिन भी खुले आसमान के नीचे रो रोकर दुआएं मांगी।विशेष  नमाज़ अदाकर बारिश के लिए ईश्वर से इबादत की।बच्चे सहित सैकड़ों लोग इस कार्यक्रम शिरकत की

          बारिश का महीना चलने के बाद भी क़रीब अगस्त माह आदेश से ज्यादा बीत जाने के बाद भी बारिश न होने से उमस भरी गर्मी से किसान सहित सभी लोग प्रभावित थे, सबसे ज्यादा धान की सिचाई के लिए किसानों के ऊपर चिंता की लकीर साफ़ दिखाई दे रही थी।उक्त गांव के ईदगाह के प्रांगण में गांव के बाशिंदे शुक्रवार और शनिवार को विशेष नमाज़ के साथ दुआ के लिए हाथ उठाया। हाफिज मोहम्मद तैयब के नेतृत्व में बच्चे समेत सैकड़ो लोगों ने खुले आसमान के नीचे रो रो कर इबादत की।पूछे जाने पर मुफ़्ती तैयब ने बताया कि बारिश के लिए दूसरे दिन का विशेष नमाज़ (इस्तिस्का) का कार्यक्रम रखा गया था । उन्होंने ने बताया कि इंसान के गुनाहों की वजह से धरती पर पशु पक्षियों को भी उठानी पड़ रही है।

इस मौके पर प्रमुख रूप से मौलाना हाफ़िज़ मोहम्मद तैयब , मोहम्मद हाशिम, मोहम्मद हारुन,अब्दुल सलाम, जिकरुल्लाह अहमद, मोहम्मद आरिफ, अब्दुल रहमान, प्रधान प्रतिनिधि मनेछा सिराज अहमद, हिसामुद्दीन सिद्दीकी, अब्दुल मलिक समेत सैकड़ो लोग मौजूद रहे 

जमदहा में नमाज़-ए इस्तिस्का सम्पन्न

खेतासराय(जौनपुर) क्षेत्र के जमदहा में तीन दिन से खुले आसमान के नीचे चिलचिलाती धूप में बारिश के लिए खुदा को मनाने के लिए जमे मुस्लिम बन्धुओ ने इस्तिस्का की नमाज़ पढ़ी। लोगों ने अपनी गुनाहों की माफ़ी तलाफ़ी करते हुए ईश्वर के बारगाह में खूब रोया। 

गुरुवार को शुरू हुई यह विशेष नमाज़ शनिवार को तीसरे दिन सम्पन्न हो गई। उक्त गांव के खरका मैदान में सामूहिक प्रार्थना सभा मे भारी संख्या में मुस्लिम बंधुओं ने शिरकत की। विशेष नमाज़ इस्तिस्का दो दिन तक देड़ घण्टे तक पढ़ी गई। आख़िरी दिन दो घण्टे तक दुआ खानी हुई।

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