जौनपुर की इस देश भक्त महिला ने पति के शहीद होने के बाद बेटे को पहना दी फर्ज की वर्दी
एक विशेष रिपोर्ट
जिस माथे की कुमकुम बिन्दी वापस लौट नहीं पाई
चुटकी, झुमके, पायल ले गई कुर्बानी की अमराई
कुछ बहनों की राखियां जल गई हैं बर्फीली घाटी में
वेदी के गठबन्धन खोये हैं शरहद की माटी में
पर्वत पर कितने सिन्दूरी सपने दफन हुए होंगे
बीस बसंतों के मधुमासी जीवन हवन हुए होंगे
कोई मोल नहीं दे सकता वासन्ती जज्बातों का
जिले के सिरकोनी ब्लाक के गोपीपुर गांव के निवासी राकेश सिंह फिल्ड रेजिमेंट में नायक पद पर अरूणांचल प्रदेश के संजोई मीरपुर में तैनात थे , आपरेशन राइनो के दरम्यान 27 सितम्बर 2004 को शहीद हो गये। राकेश सिंह के शहीद होने से सरोज सिंह के मांग का सिंदुर छिन गया, दो बेटे सुधीर सिंह, अश्वनी सिंह और बेटी सुजाता सिंह के सिर से पिता का साया छिन गया। तीनों बच्चे उस समय नाबालिग थे। पति के शहीद होने से सरोज जिन्दगी से हार मानने के बजाया विपरित परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करते हुए तीनो संतानों को लालन पालन करके योग्य बनायी साथ ही छोटे बेटे को प्रेरणा देकर सेना में भेजने का काम किया।
यह देश भक्त महिला अब तक गुमनाम रही। शिराज ए हिन्द डॉट काम ने दसवी वर्ष गांठ पर जिले के कुछ प्रतिभावान हस्तियों को सम्मानित करने का संकल्प लिया। प्रतिभाओं की खोज के दरम्यान इग्लिश मीडियम प्राईमरी स्कूल की प्रिंसपल डॉ उषा सिंह ने सरोज सिंह के बारे बतायी। जिस पर शिराज ए हिन्द डॉट काम परिवार ने उन्हे बीते रविवार को जनक कुमारी इण्टर कालेज आयोजित कार्यक्रम विशेष सम्मान से अलंकृत किया।
Aap k kaam ko hmara salaam...shiraz-e-hind.com
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