कायस्थों के उत्थान के लिए भागीरथी प्रयास किया था रविनंदन सहाय ने : राकेश श्रीवास्तव
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरूणी चन्द्र सिन्हा ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व के बारे में बताया कि वे बाघी स्टेट के वारिस, तिरहुत शारीरिक शिक्षण महाविद्यालय, श्याम नंदन सहाय महाविद्यालय, केएन सहाय इंस्टीट्यूट ऑफ इनभांयरमेंट एंड अर्बन डेवलपमेंट के चेयरमैन के साथ ही अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे, चित्रगुप्त आदि मंदिर के कार्यकारी अध्यक्ष, एसोसिएट पिगमेंट लिमिटेड, सहाय प्रोपर्टीज एवं इन्वेस्टमेंट के अध्यक्ष थे।
वे आंत्रेपेनियोर के साथ-साथ समाजसेवी, और गोल्फ खेल उन्हें अत्यधिक पसंद था। वे दी हंगर प्रोजेक्ट न्यूयॉर्क के बिहार परिषद के पूर्व अध्यक्ष, अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद बिहार के महासचिव, इंडिया-चाइना सोसायटी बिहार के उपाध्यक्ष, एग्रीकल्चर सेल बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष, ओइसका इंडिया (जापान) बिहार के कोषाध्यक्ष, मानवाधिकार संघ बिहार के सदस्य, बिहार उधोग संघ के पूर्व कार्यपालक सदस्यभी थे। मेरा उनसे अत्यधिक अपनत्व था मैं कई बार संगठन के बैठक के समय हम सहाय सदन में रुके थे, साथ ही मुझे तिरहुत शारीरिक महाविद्यालय और बाघी स्टेट में जाकर उनके कुल देवी और देवता का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त उनके कार्यकाल में हुआ। महासभा के जब वे राष्ट्रीय अध्यक्ष बने तो विश्व की सांस्कृतिक राजधानी काशी और काशी विश्वनाथ जी नगरी में प्रथम बार नागरिक अभिनंदन किया गया था।
राकेश कुमार श्रीवास्तव ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि स्वर्गीय सहाय साहब से हम सभी को संगठन के प्रति समर्पण की भावना सीखनी चाहिए।
इस अवसर पर जौनपुर के संरक्षक आनंद मोहन श्रीवास्तव, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्याम रतन श्रीवास्तव, जय आनंद, दयाशंकर निगम, शशि श्रीवास्तव गुड्डू, प्रमोद श्रीवास्तव, राजेश श्रीवास्तव, गिरजेश श्रीवास्तव, मनीष श्रीवास्तव, विजय श्रीवास्तव, आलोक श्रीवास्तव, बाबा धर्मपुत्र अशोक श्रीवास्तव, कृष्णा श्रीवास्तव के साथ प्रमुख पदाधिकारी और कायस्थ ज़न उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री/महासचिव संजय अस्थाना ने किया।