बारिश से किसानी और बागवानी को मिली संजीवनी
विकास खंड मछलीशहर के बरांवा, तिलौरा, करौरा, अदारी, बामी, भटेवरा, कठार,ऊंचडीह, देवकीपुर, लासा, चितांव आदि गांवों धान के खेतों में बारिश न होने से दरारें पड़ गयी थी और सिंचाई के अभाव में फसल सूख रही थी।तीन दिनों हो रही बारिश इस क्षेत्र के धान की फसल के लिए संजीवनी से कम नहीं है।धान की फसल के साथ-साथ खरीफ की अन्य फसलों जैसे अरहर,तिल और मक्के की फसल को भी लाभ हुआ है।
यह शनिवार की भोर में हुई बारिश के बाद मक्के के खेत का दृश्य है जहां खेत में पौधे खिलखिला उठे हैं।लगातार तीन सप्ताह से बारिश न होने से किसान निराश थे और जो किसान धान की रोपाई नहीं किये थे मौसम की बेरुखी से हतोत्साहित होकर रोपाई में उत्साह नहीं दिखा रहे थे।जिन साधन सम्पन्न किसानों ने धान की रोपाई की थी और येन केन प्रकारेण सिंचाई करके धान की फसल को जीवित रखे हुए थे उनकी धान की फसल ठीक से विकास नहीं कर पा रही थी। मौसम के बदले मिजाज के सम्बन्ध में विकास खंड मछलीशहर के गांव बामी के किसान रवीन्द्र सिंह कहते हैं कि बारिश से किसानों को फौरी राहत मिल गई है।धान की रोपाई और रोपी गई फसल को बचाने के लिए किसानों को डीजल लेने के लिए पेट्रोल पंप का चक्कर काटने से राहत मिल गई है।
किसानी के साथ-साथ इस बारिश से बागवानी के लिए भी लोगों में उत्साह आया है। मछलीशहर,जंघई और मुंगराबादशाहपुर कस्बे में फलदार पौधों की बिक्री में इजाफा हो गया है। पालिटेक्निक चौराहे के पास की उद्यान विभाग की पौधशाला से पौधे लाकर रोपने वाले रोहित तिवारी कहते हैं कि वह पिछले 15 दिनों से पौधों को रोप कर उनकी सिंचाई कर रहे थे लेकिन बारिश के बाद रोपे गए पौधों में रौनक आ गई है।