जौनपुर। बक्शा ब्लाक के रन्नो कम्पोजिट विद्यालय की शिक्षिका प्रीती श्रीवास्तव को उत्तर प्रदेश राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। पांच सितम्बर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यह पुरस्कार प्रीती को देगें। यह खबर मिलते ही जिले के बेसिक शिक्षा विभाग समेत उनके शुभचिंतको में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। उन्हे बधाईयां देने वालो का ताता लगा हुआ है।
आपको बताते चले कि प्रीती श्रीवास्तव नगर के सिविल लाइन की निवासी संत परमहंस इण्टर कालेज औका के प्रधानाचार्य अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव की पत्नी है।
बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार द्वारा शिक्षा निदेशक (बेसिक) को भेजे गए प्रदेश के 75 जिलों में जनपद की प्रीती श्रीवास्तव का चयन किया गया। शासन द्वारा सम्यक विचारोपरांत प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक में कार्यरत शिक्षक शिक्षिकाओं को 16 से 21 अगस्त तक चयन समिति की बैठक में प्रीती के नाम पर सहमति बनी। पुरस्कार के लिए चयनित होने पर प्रीती श्रीवास्तव ने बताया कि इसके पहले वर्ष 2021 में राज्यपाल व मुख्यमंत्री द्वारा मिशन शक्ति पुरस्कार से सम्मानित हुई थी। औधोगिक संगठनों द्वारा भी दो दो पुरस्कार वर्ष 2021-22 में तथा एनसीआरटी द्वारा भी चार-चार पुरस्कार से सम्मानित हो चकी है।
प्रीति श्रीवास्तव 2013 में जनपद स्थानांतरण के पश्चात बक्शा ब्लॉक के रन्नो कम्पोजिट में विद्यालय में नियुक्त हुईं , विद्यालय में बच्चे जमीन पर टाट पर बैठकर पढ़ते थे शिक्षिका ने सामुदायिक सहयोग से विद्यालय की तीनों कक्षाओं कक्षा 6,7,8 हेतु डेस्क बेंच की व्यवस्था की , बच्चों के नामांकन में वृद्धि तथा विद्यालय में ठहराव हेतु स्वयं के पैसे से प्रोजेक्टर खरीदा , विद्यालय को आकर्षक बनाने हेतु विद्यालय की दीवारों पर खुद से आकर्षक चित्रांकन किया ।शिक्षिका के शब्दों में , सरकारी विद्यालय होने के बावजूद यहाँ की छात्र संख्या और उपस्थिति दोनों कम थी तथा जिस हेतु विद्यालय में बच्चों के नामांकन वॄद्धि हेतु सर्वप्रथम विद्यालय को आकर्षक स्वरूप देना था , प्रोजेक्टर तथा डेस्क बेंच की व्यवस्था की ।
जिसके बाद में नामांकन में सुधार हुआ तथा विद्यालय में होने लगा।
इन सबके साथ 2016 मे प्रथम बार समर कैंप तथा जन्मदिन मनाना शुरू किया जिसका बहुत ही बढ़िया असर पड़ा तथा विद्यालय के प्रति बच्चों का आकर्षण एवं लगाव बढ़ा।
स्टाफ के शिक्षकों को प्रेरित कर आपसी सहयोग से विद्यालय की दीवारों पर ट्रेन बनवाया जो आकर्षण का केंद्र है।
शिक्षिका ने अपने व्यक्तिगत सहयोग से विद्यालय में ढेरों कार्य तथा नवाचार किये हैं जिनके कारण वह प्रदेश भर में जानी जाती हैं । पूर्व जिलाधिकारियों ने भी खुले मंच से शिक्षिका के कार्यों की प्रशंसा एवं सराहना की है । शासन प्रशासन द्वारा कई बार सम्मानित शिक्षिका हज़ारों शिक्षकों की प्रेरणास्त्रोत भी हैं ,तथा शिक्षकों हेतु कई क्षमता संवर्धन ऑनलाइन ऑफ़लाइन कार्यशालाएं एवं संगोष्ठियां भी आयोजित करती रहती हैं।
बेसिक शिक्षा में यह तो बहुत सारे परिवर्तन समय-समय पर होते रहे हैं कई सारे शिक्षकों ने अपने तन मन और धन को लगाकर इसके उत्थान और विकास हेतु निरंतर प्रयास किया है लेकिन ऐसे उदाहरण गिनती के हैं जिन्हें हम उंगलियों पर गिन सकते हैं जनपद जौनपुर में इस परंपरा की एक शिक्षिका है प्रीति श्रीवास्तव जिन्होंने सिर्फ विद्यालय को अपना घर और बच्चों को अपनी पूंजी माना है इनका मानना है कि यदि शिक्षक शिक्षा के लिए समर्पित है तो हमेशा समाज शिक्षक के साथ होता है यदि हम पूर्ण समर्पित भाव से बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए हम अपना शत-प्रतिशत दें इसी मूल मंत्र को आत्मसात करते हुए श्रीमती प्रीति श्रीवास्तव ने अपने उच्च शैक्षणिक योग्यता से अर्जित हुए सभी सबक जो उन्होंने सीखा है उसे अपने बच्चों अपने विद्यालय अभिभावकों के साथ साझा करने से कभी कोई गुरेज नहीं किया इसी का प्रतिफल है कि राज्य स्तर पर पूर्व माध्यमिक विद्यालय रन्नो विकासखंड बक्सा अपने शिक्षिका श्रीमती प्रीति श्रीवास्तव के नाम और काम से जाना और पहचाना जा रहा है इनकी उपलब्धियां जनपद ही नहीं अपितु प्रदेश व राष्ट्रीय फलक पर भी अपनी चमक बिखेर रहा है चाहे वह व्यक्तिगत उपलब्धियों की बात हो जहां पर शिक्षक अपनी मेधा प्रतिभा से विभाग द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करते हैं जहां पर बहुत कम लोग सफल होते हैं लेकिन आज तक श्रीमती प्रीति श्रीवास्तव को किसी प्रतियोगिता में असफलता नहीं रही, हमेशा नंबर वन पर रहते हुए उन्होंने जनपद का नाम आगे बढ़ाया है, बच्चे इनसे इस हद तक जुड़े हुए हैं कि जिस दिन प्रशिक्षण इत्यादि कार्यों से यह डायट अथवा एससीईआरटी में होती हैं बच्चे इनको फोन कर न आने का कारण पूछते हैं आने की आरजू करते हैं।इनके द्वारा बच्चों में पर्यावरण,सामाजिक उत्तरदायित्व, नैतिक मूल्य संवर्धन, बेहतर अधिगम सम्प्राप्ति, सामूहिक भावना के विकास हेतु शैक्षणिक भ्रमण,कला कौशल क्लब, बाल संसद, वृक्षारोपण, के कार्य कराए जाते है।।
अभिभावक ग्राम प्रधान शिक्षकों के बीच अपनी विद्वता सरलता से लोकप्रिय श्रीमती श्रीवास्तव बच्चों को सीखने सिखाने नए-नए आयाम और विधाओं को भी निरंतर बेसिक शिक्षा में जोड़ते हुए अन्य शिक्षकों के लिए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रही है आपके नेतृत्व कौशल का पूरा प्रदेश कायल है करोना काल में जब सभी शिक्षक घरों में बैठे हुए थे शिक्षा की रोशनी थम सी गई थी तब आपने शिक्षकों को जोड़ते हुए प्रदेश स्तरीय शिक्षक समूह एडुस्टफ़ निर्मित किया और शिक्षा शिक्षक और शिक्षार्थियों के हितार्थ सराहनीय काम किया है। तमाम उपलब्धियों की बदौलत आप विभिन्न मंचों पर माननीय व्यक्तियों के हाथों निरन्तर सम्मानित एवम पुरस्कृत की गई है।