वगैर बकाये के फाइनेंशरो ने खीच ली बाइक, अपना वाहन पाने के लिए हाफ रहा है मालिक
लाइनबाजार थाना क्षेत्र के रामपुर जमीन हिसामपुर गांव के निवासी सुनील कुमार मौर्या ने आजमढ़ जिले के बरदह थाना क्षेत्र पुरूसुड़ी गांव के निवासी अनिल प्रजापति से 21 फरवारी 2019 को होण्डा बाइक नम्बर यूपी 62 बीके 2340 को 35 हजार रूपये में खरीदा था। सुनील के अनुसार वह बाइक से बीते 27 मई 2022 को साढ़े चार बजे ओलन्दगंज गया था उसी समय पांच लोगो ने उसे रोक लिया तथा अपने आपको फाईनेंशर बताया तथा गाड़ी का किश्त बाकी का हवाला देते हुए गाड़ी लेकर चले गये। सुनील ने इसकी सूचना तत्काल शहर कोतवाल को दिया। पीड़ित के बताया कि प्रभारी निरीक्षक द्वारा प्रार्थी व उक्त लोगों को थाने पर बुलाया व घटना के बारे में पूछताछ किया। उसके बाद उक्त लोगों द्वारा फर्जी कागज प्रभारी निरीक्षक को दिखाया गया। जिसके बाद प्रभारी निरीक्षक द्वारा गाड़ी थाने पर खड़ी करवाकर गाड़ी की चाभी थाने के मुंसी अनिल यादव को दिलवा दिये। प्रभारी निरीक्षक द्वारा कुछ दिन बाद गाड़ी को फाइनेंन्सर को दे दिया गया। जिसका उपयोग फाइनेन्सर द्वारा फर्जी तरीके से किया जाने लगा। बीच में प्रार्थी द्वारा प्रभारी निरीक्षक से कई बार गाड़ी दिलवाने के लिए गुहार लगाता रहा। पुलिस से न्याय की उम्मीद न होने पर प्रार्थी द्वारा उपभोक्ता फोरम में वाद दाखिल किया गया। जिस पर एआरटीओ जौनपुर द्वारा लिखित रूप से बताया गया कि वाहन संख्या यू0पी0 62 बी0के0 2340 के नाम से कोई बकाया नहीं है। मैंने एआरटीओ जौनपुर द्वारा लिखित जवाब को प्रभारी निरीक्षक कोतवाली को दिखाया व लिखित रूप से 04 जून 2023 को प्रार्थना पत्र दिया। उसके बाद प्रभारी निरीक्षक द्वारा कहां गया कि आप शाम 5 बजे तक आइये मेरे सामने ही अनिल यादव मूंसी द्वारा फाइनेंन्सर के0के0 सिंह, उपेन्द्र सिंह को मोटरसाइकिल को साथ लेकर कोतवाली आने के लिए कहा गया। प्रार्थी के पास शाम 5 बजे मुसी अनिल यादव का फोन आया व प्रार्थी को कोतवाली बुलाया गया। प्रार्थी कोतवाली थाना पहुंचा तो वहां देखा पहले से ही फाइनेंन्सर के0के0 सिंह, उपेन्द्र सिंह व पांच छः अन्य लोग गाड़ी लेकर वहां खड़े थे तब प्रभारी निरीक्षक द्वारा पुनः पूरी घटना की जानकारी ली गयी। प्रार्थी द्वारा कागजात सहित घटना की पूरी जानकारी प्रभारी निरीक्षक को दिया गया व एआरटीओ द्वारा मिले एनओसी को दिखाया जिसके बाद प्रभारी निरीक्षक द्वारा कहा गया कि एक हफ्ते में जांच कर आपकी गाड़ी दे दी जायेगी। लेकिन आज तक न गाड़ी मिली और न ही गाड़ी की जानकारी मिली।