इमाम हुसैन के बताये हुए रास्ते पर चलने की जरूरत:हसन सईद
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जौनपुर। कर्बला में हज़रत इमाम हुसैन अ.स. व उनके 71 साथियों की शहादत के बाद उनके परिवार वालों पर जो जुल्म ज्यादती यजीदी हुकूमत ने ढाई थी उसे सुनने के बाद शायद ही कोई ऐसा इंसान हो जिसके आंख से आंसू न छलके हों। 11 मुहर्रम को यह लुटा हुआ काफिला कर्बला से जब मदीने के लिए रवाना हुआ तो इसकी अगवानी चौथे इमाम जै़नुल आब्दीन कर रहे थे लेकिन हर एक मोड़ पर उनकी बहन जनाबे जैनब ने यजीदी हुकूमत की जड़ों को हिलाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ीं। उक्त बातें मौलाना सईद हसन हाल मुकीम कुम ईरान ने रविवार की रात्रि मजलिस को खेताब करते हुए कही। सैयद अंज़ार कमर पप्पू के वालेदैन की मजलिस बलुआघाट। उन्होंने कहा कि यजीद के भरे दरबार में जिस तरह से जनाबे जैनब ने खुतबा दिया उससे न सिर्फ यजीद की पूरी हुकूमत हिला दिया बल्कि मानवता के लिए बहुत कुछ संदेश उन्होंने दिया। यही वजह है कि आज हम लोग पूरी इंसानियत को बचाने के लिए कर्बला के शहीदों को याद कर उनके बताये हुए रास्ते पर चलने की कोशिश करते हैं। मजलिस के बाद अंजुमन हुसैनिया ने नौहाखानी व सीनाजनी कर कर्बला के शहीदों को पुर्सा दिया। इस मौके पर सैयद बाकर हसन, इजहार हसन खान, नसीम हैदर, महताब हैदर, तकी हैदर काजू, डॉ.इंतजार मेंहदी शोहरत सहित अन्य लोग मौजूद रहे। आभार सैयद कायम रज़ा रिज़वी ने प्रकट किया।