ओटीपी को शरीर का खून समझें: ओपी जायसवाल

 सिरकोनी, जौनपुर। साइबर अपराधों से बचने के लिये सबसे पहले इस बात को जाने कि हमें किसी को ओटीपी कभी न बतायें। ओटीपी को शरीर का खून समझे। अनावश्यक कहीं न दें। यह बातें क्षेत्र के राष्ट्रीय पब्लिक इण्टर कालेज हुसेपुर में मंगलवार को साइबर अपराधों के रोकथाम के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए साइबर विशेषज्ञ ओपी जायसवाल ने कही। साथ ही उन्होंने छात्र—छात्राओं व कालेज स्टॉप से कहा कि आपके मोबाइल पर किसी भी अंजान व्यक्ति का काल या मैसेज आये तो आप उसे रिसीव न करें। कोई सरकारी संस्थान का व्यक्ति बनकर आपको सरकारी फायदा या लाटरी जैसे लुभावनी बात बताकर ओटीपी मांगे तो कभी न दें। ओटीपी को शरीर का खून समझें। बिना बहुत आवश्यकता के कभी किसी को न दें। श्री जायसवाल ने कहा कि कभी भी कोई जिम्मेदार संस्थान किसी से कोई जानकारी नहीं मांगता। इसके अलावा किसी भी अंजान व्यक्ति से वीडियो कॉल पर बात भी न करें। किसी भी अंजान लिंक को कभी भी नहीं खोलना चाहिए। उसे डिलीट कर दें। इसी क्रम में थाना प्रभारी जलालपुर राम सरिख गौतम ने बताया कि कोई भी अंजान व्यक्ति अगर आपको फोन करके इधर—उधर की बात करें या छेड़खानी करें, उसकी जानकारी तत्काल अपने मम्मी—पापा या अभिभावकों को जरूर दें। उससे अपराध भी रुकेगा। साथ ही समाज में जागरूकता आएगी। इसके पहले दोनों अधिकारियों का प्रधानाचार्य विनय श्रीवास्तव, विवेक सिंह, गौरव श्रीवास्तव, अखलाक अहमद, अंकित श्रीवास्तव, राम आसरे मिश्र आदि ने माल्यार्पण करके स्वागत किया। इस अवसर पर कालेज के स्टॉप सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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