कर्बला का पैग़ाम: हुसैनी कभी ज़ुल्म नहीं करता |
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हुसैनी कभी ज़ालिम की बैयत नहीं करता
जौनपुर। जिले में माहे मुहर्रम की पहली तारिख से लेकर इमाम हुसैन की याद में मजलिसों और मातम का सिलसिला जारी है। पूरी दुनिया की जौनपुर के गाँव गांव तक सभी अजाखानों में प्रत्येक दिन मजलिसों का आयोजन किया जाता है। जिसमें धर्मगुरु और ज़ाकिर वाकये कर्बला बयान करते हैं। मजलिस के बाद जुलूस बरामद होता है और अंजुमनें नौहा मातम करती हैं। इस तरह लोग मोहम्मद साहब को उनकी आल की शहादत का पुरसा पेश करते हैं।
इसी क्रम में सरायलत्ता बरदुआरिया में अफ़रोज़ हुसैनी और उर्फी हुसैनी के इमामबारगाह में शब् ऐ आशूरा की मजलिस में ज़ाकिर ऐ अहलेबैत जनाब सय्यद मोहम्मद मासूम ने इमाम हुसैन के कर्बला के मसायब बयान किये और बताया की इमाम हुसैन ने ज़ालिम यज़ीद के हाथ पे बैयत नहीं किया और कहा मुझ जैसा तुझ जैसे ज़ालिम बादशाह की बैयत कभी नहीं करेगा और यह पैगाम दिया की हमेशा के लिए इमाम हुसैन के चाहने वाले ना कभी किसी पे ज़ुल्म करेंगे और ना ज़ालिम का साथ देंगे |
बाद मजलिस सबने मिल के इमाम हुसैन को सलाम पेश किया और आंसुओं के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की और सभी आय हुए लोगो में तबर्रू बांटा शरबत पिलाया और अंजुमनों ने नौहा मातम किया |
इसमें बारा दुअरिया के और बाहर से आय बड़ी तादात में मोमिनीन ने शिरकत की और लोगों को तोहफे भी दिए गए |