चौकिया माई करें पुकार.. मेरी भी सुधि लो 'सरकार'
जौनपुर। शीतला चौकिया माता मंदिर पूर्वांचल के लोगों की आस्था और विश्वास का केन्द्र है जहां हजारों लोग प्रतिदिन शीश नवाने आते हैं। आजमगढ़, गोरखपुर, मऊ, बलिया, देवरिया, गाजीपुर, अंबेडकरनगर समेत अन्य जनपदों के श्रद्घालुओं का यहां दर्शन-पूजन के लिए तांता लगा रहता है। पूर्वांंचल जिलों के श्रद्घालु जब मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए निकलते हैं तो पहले शीतला माता का पूजन करके ही आगे बढ़ते हैं। नवरात्रि के समय तो यहां अपार भीड़ होती है। हर श्रद्घालु यहां मनोवांछित कामना लेकर आता है। मां अपने भक्तों की मुराद अवश्य पूरी करती हैं।
इस ऐतिहासिक शक्तिपीठ की इतनी मान्यता होते हुए भी सुविधाओं का घोर अभाव है। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनने के बाद प्रसिद्घ देव स्थलों के सौन्दर्यीकरण व विकास के लिए धन मुहैया कराया गया। शीतला चौकिया धाम के लिए जो धन आवंटित हुआ वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। धाम के ऐतिहासिक तालाब के सौन्दर्यीकरण व अन्य कार्यों हेतु 3.44 करोड़ रूपये आवंटित हुआ। चार साल बीतने के बाद भी कार्य अधूरा है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट मुंह चिढ़ा रहा है। यात्रियों के लिए बनाये गये विश्रामालय में धन का बंदरबांट हो गया। पर्यटन विकास कार्य के लिए 52.85 लाख के लोकार्पण का शिलापट्ट शो-पीस बना है। सवाल यह है कि देश व प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों का जब सरकार द्वारा कायाकल्प किया जा रहा है तो पूर्वांचल का प्रसिद्घ शक्तिपीठ क्यों अछूता है?
तालाब के सौन्दर्यीकरण के धन का हुआ हरण
चौकिया धाम में स्थित ऐतिहासिक तालाब के सौन्दर्यीकरण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 3.44 करोड़ रुपए आवंटित हुआ। 18 फरवरी, 2019 को इसका शिलान्यास राज्यमंत्री नगर विकास गिरीश चंद्र यादव व तत्कालीन नगर पालिका चेयरमैन माया टंडन ने धूमधाम से किया। श्रद्घालुओं में खुशी हुई कि इतनी बड़ी रकम से धाम का कायाकल्प हो जायेगा। मगर चार साल बीतने के बाद भी हालात ज्यो की त्यों है। तालाब के चारों तरफ की दीवार सिर्फ पेंट कर छोड़ दी गई। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट आधा अधूरा बनाकर छोड़ दिया गया। तालाब के मध्य लगा फाउन्टेन शो-पीस की तरह खड़ा है। सीढिय़ों पर लगा लाइटिंग सिस्टम कुछ दिन में ही खराब हो गया। रेलिंग व कुर्सियां आदि लगाकर सौन्दर्यीकरण के नाम पर खानापूर्ति कर दी गयी।
दिखावे के लिए ठेकेदार को किया ब्लैकलिस्टेड
मंदिर प्रबंधक अजय पंडा, श्री शीतला कार्य समिति के अध्यक्ष विनय त्रिपाठी, मिशन जिंदगी फाउण्डेशन के संस्थापक समाजसेवी डॉ दिलीप तिवारी आदि ने धाम के सौन्दर्यीकरण के नाम पर हुए भ्रष्टाचार पर आवाज उठाई तो तत्कालीन जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने ठेकेदार हरिनाथ यादव को ब्लैकलिस्टेड कर दिया। तत्कालीन नगर पाालिका की अध्यक्ष माया टंडन के पति पूर्व चेयरमैन दिनेश टंडन से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने साफगोई से बताया कि ब्लैकलिस्टेड के अलावा अन्य कोई कार्रवाई नहीं हुई। सवाल यह उठता है कि क्या धाम के विकास के लिए प्राप्त इतनी बड़ी रकम की बंदरबांट हो गई।
मुंह चिढ़ा रहा गडकरी के शिलान्यास का पत्थर
मां शीतला मंदिर के पूर्वी दीवार पर चौकिया धाम में पर्यटन विकास कार्य के लोकार्पण का 52.85 लाख रूपये का पत्थर लगा है। इसका लोकार्पण केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 20 दिसम्बर, 2021 को किया गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि उक्त पत्थर को एक मिस्त्री लेकर आया था और दीवार में लगाकर चला गया। उसमें अंकित पर्यटन विकास कार्य के लिए 52.85 लाख का काम कहां हुआ, किसी को पता नहीं चला।
यात्री विश्रामालय में भी हुई घपलेबाजी
धाम के मुख्य द्वार के पास दर्शनार्थियों के ठहरने के लिए विश्रामालय बना था। स्थानीय लोगों ने बताया कि इसके जीर्णोद्घार के लिए 50 लाख रूपया आया था। आरोप है कि उसी नींव पर निर्माण कार्य कराकर ज्यादातर धन हड़प लिया गया। यहां सुविधाओं का घोर अभाव है। अगर पूरे धन का इस्तेमाल किया गया होगा तो यह अपने औचित्य पर खरा उतरता। उक्त विश्रामालय मुख्य मार्ग पर न होकर गली में स्थित है। कोई संकेतक वगैरह न होने से दर्शनार्थियों को इसके बारे में पता भी नहीं चल पाता है।
परेशान होते हैं बाहरी श्रद्घालु
चौकिया धाम में मूलभूत सुविधाएं न उपलब्ध होने से दूरदराज जिलों से आने वाले श्रद्घालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बाहरी जिले से आने वाले दर्शनार्थी ज्यादातर रात में आते हैं। भोर में दर्शन करने के बाद विंध्याचल के लिए रवाना होते हैं। धाम में लाइटिंग व्यवस्था, साफ-सफाई संतोषजनक नहीं है। पेयजल की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। मुख्य गेट के बगल स्थित दारू का ठेका भी मुसीबत की एक वजह है।
तमाम घोटालों का जिम्मेदार कौन?
मातारानी के धाम में हुए तमाम घोटालों के लिए आखिकार कौन जिम्मेदार है। श्री शीतला कार्य समिति के अध्यक्ष विनय त्रिपाठी, मिशन जिंदगी फाउन्डेशन के संस्थापक डॉ दिलीप तिवारी का आरोप है कि तालाब के सौंदर्यीकरण व विश्रामालय के लिए आये धन का बंदरबांट कर लिया गया। अगर पूरे धन का इस्तेमाल हुआ होता तो धाम का कायाकल्प हो गया होता। दर्शनार्थियों को भी काफी सहूलियत होती ।
धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रिपोर्ट ।
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