सीमेंट फैक्ट्री में एसटीएफ व पुलिस की संयुक्त टीम का छापा, नकली सीमेंट सहित पांच गिरफ्तार,फैक्ट्री सील
जौनपुर । जौनपुर जिले में रामपुर थाना क्षेत्र के औद्योगिक क्षेत्र सिधवन में वीसीसी हाई टेक सीमेंट प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री में गुरुवार की रात डेढ़ बजे लखनऊ एवं वाराणसी एसटीएफ टीम ने तीन थानों की पुलिस के साथ संयुक्त छापेमारी में भारी मात्रा में नकली सीमेंट, डाई, सीपीयू, 70 बंडल प्रिंटेड बोरी,130 बंडल सादी बोरी, 758 बोरी नकली सीमेंट एवं सात मोबाइल फोन समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर एसडीएम के निगरानी में फैक्ट्री को सील कर दिया गया।
पुलिस अधीक्षक डॉ अजयपाल शर्मा ने यह जानकारी देते हुई बताया कि लखनऊ एवं वाराणसी की एसटीएफ टीम मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि रामपुर थाना क्षेत्र की औद्योगिक क्षेत्र सिधवन में स्थित वीसीसी हाईटेक सीमेंट प्राइवेट लिमिटेड में भारी मात्रा में सीमेंट कंपनी द्वारा सीमेंट को अपनी कंपनियों में गुणवत्ता, मानक से कम बनी नकली सीमेंट बनाकर फर्जी व कूटरचित बोरियों में भरकर बाजारों में थोक के भाव में डीलरों को सप्लाई किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गुरुवार की रात एसटीएफ टीम प्रभारी अतुल कुमार सिंह ने प्रभारी निरीक्षक मड़ियाहूं सुधीर कुमार आर्य, थानाध्यक्ष रामपुर चंदन कुमार राय एवं सुरेरी थानाध्यक्ष अश्वनी कुमार दुबे समेत भारी संख्या में पुलिस फोर्स लेकर फैक्ट्री में छापा मारा। छापेमारी में एसटीएफ को एक सीपीयू, सीमेंट बोरी बनाने के लिए प्रयोग किया जा रहा 8 डाई, 70 बंडल विभिन्न कंपनियों के प्रिंटेड बोरी, 31 बंडल सादी बोरी, 758 बोरी नकली सीमेंट एवं डीलरों से बात करने में प्रयोग किया जा रहा सात मोबाइल फोन बरामद हुआ।
उन्होंने कहा कि फैक्ट्री में मौजूद सतीश कुमार जायसवाल पुत्र स्व.सूरजबली जायसवाल एवं नीरज जायसवाल पुत्र संतोष जायसवाल निवासीगण धनुहां थाना रामपुर, बद्री प्रसाद दुबे उर्फ अफसर दुबे पुत्र स्व. अंबा चरण दुबे निवासी सिधवन थाना रामपुर, सत्येंद्र पाठक उर्फ विनय पाठक पुत्र घनश्याम पाठक निवासी रामपुर थाना रामपुर, शैलेंद्र पाठक उर्फ पिंटू पुत्र हरिशंकर निवासी धनुहा जनपद जौनपुर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद एसडीएम मड़ियाहूं लाल बहादुर की देखरेख में वीसीसी हाईटेक सीमेंट फैक्ट्री को सील कर दिया गया। सभी गिरफ्तार आरोपियों के विरुद्ध धारा 419, 420, 467, 468, 471, 465, 472, 120 बी भारतीय दंड विधान के तहत पंजीकृत करते हुए आरोपियों को न्यायालय भेज दिया गया है।