करीब दो दशक से अधिक समय से कांग्रेस पार्टी के ध्रूव तारा के रूप चमकने वाले पूर्व विधायक नदीम जावेद का क्या अब राजनीतिक चमक फीकी पढ़ने लगी है या चमक में और निखार आने वाला है इस बात की चर्चा रविवार की सुबह से ही कांग्रेस पार्टी से लेकर विपक्षी दलो में तेजी से होने लगी है।
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर रहते हुए नदीम जावेद छात्र नेताओं और युवाओ के लिए रोल माण्डल बने तो जौनपुर सदर विधानसभा सीट पर करीब ढ़ाई दशक बाद कांग्रेस का परचम लहराया तो कांग्रेस नेताओं ने उन्हे सर मात्थे पर बैठाया। लेकिन नदीम की राष्ट्रीय राजनीति में अधिक दिलचस्पी लेने के कारण जिले से जमीन खिसने लगी। जिसका परिणाम रहा कि 2017 विधानसभा चुनाव में सपा- कांग्रेस गठबंधन ंमें भी नदीम जावेद को हार का सामना करना पड़ा। 2022 में कांग्रेस ने पुनः नदीम जावेद को मैदान में उतारा तो उनकी जमानत ही जब्त हो गयी उनके खाते मात्र 12 हजार 150 वोट आया। करारी हार के बाद नदीम जावेद पुनः राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हो गये। पार्टी ने उन्हे राष्ट्रीय सचिव बनाया बाद में उन्हे तेलंगाना का प्रभारी बना दिया। रविवार को उन्हे राष्ट्रीय सचिव पद से हटाये जाने की खबर मिलते ही चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। कुछ लोगो का मानना है कि प्रदेश में फेरबदल होने वाला है हो सकता है उन्हे उत्तर प्रदेश की बागडोर सम्भालने के लिए पार्टी ने पद से मुक्त किया है वही कुछ लोगो मानना है कि अब उनका सितारा गर्दिश में आ गया है जिसके कारण पार्टी उनसे दूरी बनाना शुरू कर दिया है।
Nadeem Javed ka sitara gardish me abhi nahi hai koe badi zimmedari milne wali hai 2024 ke liye
जवाब देंहटाएंनदीम जावेद का सितारा चमकने वाला है ।नदीम भाई हाई कमान के विश्वासपात्र लोगों में एक हैं ।
जवाब देंहटाएंपं बंशीधर शर्मा ,पूर्व प्रधानाचार्य ।ऊपर की राय मेरी ही है ।
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