इंजेक्शन लगते ही मरीज की मौत, परिजनों ने काटा बवाल तो अस्पताल के डाक्टर समेत पूरा स्टाफ फरार
बता दे की तेजीबाजार थाना क्षेत्र के विश्वपालपुर के रहने वाले सुधाकर सिंह बक्शा थाना क्षेत्र के अलहदीया गांव में एक बारात में गए थे जहां उन्हें गिरने की वजह से चोट आ गई थी और दर्द हो रहा था। रात में ही बारात के कुछ लोग उन्हें शहर के त्रिशूल हॉस्पिटल में ले गए । आरोप है की अस्पताल के कर्मचारियों ने इंजेक्शन लगाया था जिसके बाद उनकी मौत हो गई। सभी लोग पोस्टमार्टम कर सही जांच करने और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे है।
मृतक के पुत्र अभ्युतोष सिंह ने कहा कि बीती रात बरात में आये मेरे पिता जी फिसलकर गिर गये थे जिसके कारण उनके कंधे में चोट आयी थी, इलाज के लिए उन्हे शहर के नईगंज में स्थित विनय तिवारी के अस्पताल में लाया गया मौके पर डाक्टर मौजूद नही थे मैने पिताजी का एक्स-रे करने के कहा तो एक स्टाफ ने कहा कि कोई बात नही उनका कंधा उखड़ गया है अभी ठीक कर देता हूं बेहोशी के लिए एक इंजेक्शन लगा दिया जिसके बाद मेरे पिता कुछ नही बोले हालत विगड़ने पर स्टाफ ने डाक्टर बुलाया डाक्टर हालत नाजुक देखते हुए पास के दूसरे अस्पताल ले गये जहां पर डाक्टर ने देखते ही मृत घोषित कर दिया। श्री सिंह ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि डा0 विनय तिवारी का स्टाफ जरूर अनभिज्ञ था जिसके कारण उसने गलत इंजेक्शन लगा दिया जिसके कारण मेरे पिता की मौत हुई है। मौत होने की पुष्टि होते ही परिजन जमकर हंगामा शुरू कर दिया जिसके कारण अस्पताल में अफरा तफरी मच गयी। हंमामें चलते अस्पताल का पूरा स्टाफ फरार हो गया।
अस्पताल में हंगामें की खबर मिलते ही सीटी मजिस्टेªट देवेंद्र कुमार सिंह, सीओ सिटी समेत भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल किया। मृतक की परिजनों की मांग पर सीटी माजिस्टेªट ने शव को पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया तथा पूरे मामले की जांच का आदेश सीएमाओं को दिया है।
सीटी मजिस्टेªट ने खुद बताया कि मेरे द्वारा कई प्राईवेट अस्पतालों की जांच के दरम्यान पढ़ाई करने वाले छात्र मरीजों का इलाज करते पाये गये थे। उन्होने कहा कि कई जगहो पर अनटेªंड स्टाफ रखे गये है। जबकि ऐसा नही होना चाहिए। सीटी मजिस्टेªट ने कहा कि यदि जांच में अस्पताल की कमी पायी गयी तो उसे सील कर दिया जायेगा।