मुठभेड़ में पशु तस्करो के पैर में गोली मारने वाली पुलिस आयी कटघरे में, कोर्ट ने मांगा यह जवाब
हिमांशु श्रीवास्तव
जौनपुर। सूबे योगी सरकार बनने के बाद मुठभेड़ पुलिस की गोली से घायल हो रहे पशु तस्करो के मामले में कोर्ट गम्भीर हो गया है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन का हवाला देते हुए कहा कि पुलिस एनकाउंटर में आरोपित के पैर में गोली लगती है तो पुलिस पार्टी के विरूध भी मुकदमा दर्ज होना चाहिए। एसीजे प्रथम विवेक विक्रम ने एनकाउंटर से संबंधित सभी पुलिस वालों के विरुद्ध हत्या के प्रयास व अन्य संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हुआ है या नहीं इस संबंध में आख्या प्रस्तुत करें।
इसकी विवेचना अन्य जांच एजेंसी से कराई जानी चाहिए।यदि पुलिस के विरुद्ध कोई मुकदमा पंजीकृत नहीं किया गया है तो यह उच्चतम न्यायालय के आदेश का घोर उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि जिस हथियार से आरोपितों पर गोली चलाई गई उस असलहे व खोखे को भी माल मुकदमाती के रूप में जमा कराएं। सुप्रीम कोर्ट के सभी दिशानिर्देशों का पालन कर 3 मई को विवेचक थानाध्यक्ष न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर आख्या प्रस्तुत करें। आरोपितों को भी जिला कारागार से लाकर पेश किया जाए। आदेश का अक्षरश: अनुपालन न होने की दशा में प्रकरण को उच्च न्यायालय इलाहाबाद, प्रमुख सचिव गृह उत्तर प्रदेश शासन व डीजीपी को आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रेषित कर दिया जाएगा।