नामकरण संस्कार आयोजित कर दिया गया 'श्रेष्ठ' नाम
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जौनपुर। विकास खंड मछलीशहर के गांव बामी में रविवार को गांव के सी आर पी एफ के जवान संजीव सिंह एवं उनकी पत्नी श्रीलेखा सिंह ने अपने पुत्र के नामकरण संस्कार का आयोजन निज आवास पर कराया। गांव के ही पुरोहित त्रिभुवन उपाध्याय ने सत्यनारायण भगवान की कथा के पश्चात वैदिक मन्त्रोंत्चार करके शिशु को धरती मां को नमन करके सूर्य देव का दर्शन कराया।थाली में पहले से ही लिखे नाम को सबके सामने अनावरित कर बच्चे का नाम 'श्रेष्ठ' घोषित किया।
इस अवसर पर पुरोहित त्रिभुवन उपाध्याय ने कहा कि आज की पीढ़ी बर्थडे पार्टी और मैरिज एनिवर्सरी तक ही सीमित होकर रह गई है। जिसमें केक काटकर खाने के साथ -साथ रम छलकाने की पाश्चात्य संस्कृति उत्तरोत्तर फैशन बनती जा रही है। हमारी वैदिक संस्कृति में 16 संस्कारों का प्रावधान है जिसका सामाजिक और मनोवैज्ञानिक आधार है किंतु उसे नेपथ्य में डाल दिया गया है।नामकरण संस्कार पांचवां संस्कार है जो सार्वजनिक रूप से अपने बच्चे के लिए प्यार और समर्थन की घोषणा करने का अवसर प्रदान करता है। इस संस्कार में पृथ्वी और सूर्य की पूजा करके हम प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करते हैं और उनका आशीर्वाद भी प्राप्त करते हैं। भौतिक साधन सम्पन्नता और वृहद किताबी ज्ञान के बावजूद आज की पीढ़ी का प्रकृति और मानवीय सम्बन्धों के प्रति असंवेदनशील होने का मुख्य कारण संस्कारों से दूर होते जाना ही है। ग्लोबल वार्मिंग और वृद्धा आश्रमों की उत्तरोत्तर वृद्धि इसके सबसे मजबूत प्रमाण हैं।