मिशन के रूप में थी स्वतंत्रता के पूर्व की पत्रकारिता: ओमप्रकाश
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जौनपुर। स्वतंत्रता प्राप्ति के पूर्व पत्रकारिता एक मिशन के रूप में थी जिसका उद्देश्य था स्वतंत्रता प्राप्त करना। स्वतंत्रता मिलने के उपरांत धीरे-धीरे पत्रकारिता का स्वरूप व्यावसायिक होने लगा। इसे धन कमाने का जरिया बना दिया गया। उक्त उद्गार भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एंव जौनपुर पत्रकार संघ के संरक्षक ओमप्रकाश सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में हिंदी पत्रकारिता दिवस पर जौनपुर पत्रकार संघ द्वारा सघ के भवन में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किया। उन्होंने कहाकि सन् 2000 के बाद सोशल मीडिया का आरंभ हुआ इसमें प्रिंट मीडिया पर बुरा असर पड़ा। अनेक छोटे मझोले एंव साप्ताहिक पत्र-पत्रिकाएं बंद हो गयीं। आज पत्रकार के चरित्र व विश्वसनीयता पर संकट है। विशिष्ट अतिथि प्रदीप सिंह सफायर ने कहाकि सोशल मीडिया के दौर में सभी लोग सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हुए पत्रकार की भूमिका निभा रहे हैं। अपने अध्यक्षीय संबोधन में डा. प्रेमचंद विश्वकर्मा ने कहाकि पत्रकार को देश की एकता, अखंडा को सर्वोपरि मानते हुए कार्य करना चाहिये। अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन किया गया। आगंतुकों का अभिवादन जौनपुर पत्रकार संघ के अध्यक्ष शशिमोहन सिंह क्षेम ने किया। संचालन महामंत्री मधुकर तिवारी ने किया। उक्त अवसर पर रामसिंगार शुक्ल गदेला, संपादक प्रकाश चन्द्र शुक्ल, वीरेन्द्र मिश्र, राजकुमार सिंह, अखिलेश तिवारी, बेहोश जौनपुरी, विनोद विश्वकर्मा, यशवंत सिंह, राजेश मौर्या, देवी सिंह, अखिलेश तिवारी अकेला, राजेश श्रीवास्तव, रत्नाकर सिंह, अजीत सिंह, शशि सिंह, सिद्धार्थ सिंह, रिंकू सिंह, स्वतंत्र आदि रहे।