कुरआन और अली एक दूसरे के पूरक:मौलाना मनाज़िर
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जौनपुर। कदम रसूल छोटी इमामबाड़े में रविवार को शिया पंजतनी कमेटी के तत्वाधान में मजलिसे अज़ा व रोजा इफ्तार संपंन हुआ। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे। मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना मनाजिर हसनैन खां करबलाई ने कहा कि कुरआन और अली दोनों एक दूसरे के ऐसे साथ हैं जैसे एक चने की दो दाल। अगर आप सलामत इस्लाम चाहते हैं तो कुरआन और अली को एक बराबर मानें।
इसलिए कि बगैर कुरआन के न अली समझ में आयेगा और न ही बगैर अली के कुरआन। लेहाजा हर मुसलमान के लिए जरूरी है कि वोह कुरआन पढ़े और हजरत अली अ.स. सीरत पर अमल करे क्योंकि रसूले खुदा स.अ. हजरत मुहम्मद साहब का ये फरमान है कि अली कुरआन के साथ है और कुरआन अली के साथ। सोजखानी महताब व उनके हमनवा ने किया। नौहेखानी शमशीरे हैदरी के नौहेखां शहजादे ने दर्द भरे नौहे पढ़कर माहौल को गमगीन कर दिया। मगरिब की नमाज के बाद सभी ने एक साथ बैठकर रोजा इफ्तार किया। इस मौके पर अध्यक्ष शाहिद मेंहदी, नेहाल हैदर, कैफी रिजवी, एजाज हुसैन, नियाज हसन, अजादार हुसैन, हसनैन कमर दीपू सहित अन्य लोग मौजूद रहे।