सात दिवसीय शतचण्डी महायज्ञ की पूर्व संध्या पर निकली कलश यात्रा
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सिकरारा, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां शारदा मंदिर पर आयोजित संगीतमय श्रीरामकथा के साथ शुरू हो रहे 7 दिवसीय शतचंडी महायज्ञ के पूर्व मंगलवार को भव्य कलश यात्रा निकाली गई। डीजे की धुन व गाजे-बाजे के बीच निकली यात्रा से हर तरफ भक्ति का माहौल छाया रहा।शतचंडी महायज्ञ शुरू होने से पूर्व कलश यात्रा की तैयारी सुबह से ही शुरू हो गई।
प्रयागराज से पधारे कथा वाचक आचार्य प्रेमाचार्य जी महाराज, संयोजक अम्बरीष पांडेय, पुरोहित आचार्य चन्द्रभूषण मिश्र, पुजारी शंभूनाथ तिवारी व प्रबंधक राधिका तिवारी के साथ माता रानी का भब्य श्रृंगार किया गया। भोर में पहली आरती के बाद वैदिक मंत्रों के साथ पूजन-अर्चन किया गया। भारी संख्या में महिलाओं ने हाथ में कलश लेकर आगे बढ़ी तो घण्टा-घड़ियाल व जयकारे से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो गया।
जैसे-जैसे समय बढ़ा, श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने लगी। 10 बजे धूमधाम से भक्ति गीतों के बीच महिलाएं व बालिकाएं कलश यात्रा लेकर निकली तो आगे-आगे चल रहे लोग अबीर-गुलाल उड़ा रहे थे। कलश यात्रा सिकरारा, गोसाईगंज बाजार होते हुई बरगुदर पुल के पास सई नदी पर पहुंचकर जल भरा। वहां से पुनः वे लोग चौरा सन्त दास गांव होते हूए यज्ञ स्थल पहुंचकर मंत्रोच्चारण के बीच कलश स्थापित किया। धाम पर चल रहे देर शाम रामकथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है।
इस अवसर पर डा. मिश्रा, डा. करुण शंकर पांडेय, बीरेंद्र गिरी, सचिन तिवारी, सुरेश चंद्र तिवारी, रघुलाल तिवारी, निशांत तिवारी, गोविंद तिवारी, चिंता गौड़, मनीष जोरिया, अखिलेश चंद्र शुक्ल, डा. जटाशंकर शुक्ल, अखिलेश गौड़, डा. राम लखन चौहान आदि का सक्रिय योगदान रहा।
प्रयागराज से पधारे कथा वाचक आचार्य प्रेमाचार्य जी महाराज, संयोजक अम्बरीष पांडेय, पुरोहित आचार्य चन्द्रभूषण मिश्र, पुजारी शंभूनाथ तिवारी व प्रबंधक राधिका तिवारी के साथ माता रानी का भब्य श्रृंगार किया गया। भोर में पहली आरती के बाद वैदिक मंत्रों के साथ पूजन-अर्चन किया गया। भारी संख्या में महिलाओं ने हाथ में कलश लेकर आगे बढ़ी तो घण्टा-घड़ियाल व जयकारे से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो गया।
जैसे-जैसे समय बढ़ा, श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने लगी। 10 बजे धूमधाम से भक्ति गीतों के बीच महिलाएं व बालिकाएं कलश यात्रा लेकर निकली तो आगे-आगे चल रहे लोग अबीर-गुलाल उड़ा रहे थे। कलश यात्रा सिकरारा, गोसाईगंज बाजार होते हुई बरगुदर पुल के पास सई नदी पर पहुंचकर जल भरा। वहां से पुनः वे लोग चौरा सन्त दास गांव होते हूए यज्ञ स्थल पहुंचकर मंत्रोच्चारण के बीच कलश स्थापित किया। धाम पर चल रहे देर शाम रामकथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है।
इस अवसर पर डा. मिश्रा, डा. करुण शंकर पांडेय, बीरेंद्र गिरी, सचिन तिवारी, सुरेश चंद्र तिवारी, रघुलाल तिवारी, निशांत तिवारी, गोविंद तिवारी, चिंता गौड़, मनीष जोरिया, अखिलेश चंद्र शुक्ल, डा. जटाशंकर शुक्ल, अखिलेश गौड़, डा. राम लखन चौहान आदि का सक्रिय योगदान रहा।