मुसलमानों को तरो—ताज़ा कर देता है रोज़ा: मौलाना फज़ले
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जौनपुर। एएम सनबीन स्कूल उर्दू बाजार में प्रोफेसर डा. शमीम हैदर के इसाले सवाब की मजलिस का आयोजन हुआ जहां मौलाना फ़ज़ले मुमताज़ खां ने कहा कि रमज़ान उल मुबारक के एक महीने के रोज़े को रखकर मुसलमान जहां रुहानी (आध्यात्मिक) तौर पर स्वास्थ्य हो जाता है, वहीं वह जिस्मानी (शारीरिक) तौर पर भी तरो ताज़ा हों जाता है। इस्लाम का फलसफा इन्सानियत को मूल्यवान देखना चाहता है। मानव कल्याण व भाईचारा इस्लाम के मौलिक कर्तव्यों में से एक है। मजलिस में मौलाना ने कर्बला के नन्हें मुजाहिद इमाम हुसैन अलै. के छः महीने के बेटे हज़रत अली असगर की शहादत बयान की।मजलिस में जौनपुर अज़ादारी एसोसिएशन के सदर सैय्यद मोहम्मद हसन, शिया इन्टर कालेज के प्रबन्धक सैय्यद नजमुल हसन, शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ के मुतवल्ली शेख़ अली मंज़र डेज़ी, सैय्यद असलम नक़वी, सैय्यद इरशाद ज़ैदी, मोहसिन ज़ैदी, नाज़िम हुसैन मौलाना सैय्यद मोहम्मद दानिश, असकरी हुसैन, मोहम्मद, शेरा अब्बास, वसीम रज़ा, सोनू, बेलाल जानी इत्यादि उपस्थित थे। मजलिस में महताब हुसैन ने सोज़ख़ानी की अन्जुमन कौसरिया रिज़वी खां ने नौहाखानी की। मजलिस के आयोजक मोहम्मद शकील एवं तहसीन अब्बास ने आभार जताया।