पुरानी पेंशन न कोई इनाम है न ही खैरात

जौनपुर। अखिल भारतीय पेंसनर्स महासंघ के जिला संयोजक इ0 क्षमानाथ दुबे व महासंघ के पदधिकारियों ने आज मुख्यमंत्री को सम्बोधित पुरानी पेंशन बहाली समेत चार सूत्रीय मांग पत्र जिला प्रशासन को सौपा। 

 इस मौके पर श्री दुबे ने कहा कि उच्च न्यायालय की जस्टिस चन्द्रचूर्ण की अध्यक्षता में गठित 5 सदस्यीय संविधान पीठ में निर्णीत किया गया है कि पेंशन न तो कोई इनाम है और न ही नियोक्ता द्वारा मनमर्जी से दी गयी खैरात है । यह अनुग्रह राशि भी नहीं है, वरन पूर्व मे की गयी सेवाओं का भुगतान है। यह उन पेंशनरों के । प्रति सामाजिक न्याय है, जिन्होंने अपने बहुमूल्य जीवन काल में अपने नियुक्ता के लिए इस आश्वासन पर अथक परिश्रम किया, ताकि उनके बुढापे में उन्हें समाज में जीवनयापन हेतु बेसहारा न छोड़ दिया जाय ।  

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अपने अनेकों निर्णयों में निर्णीत किया गया है कि पेंशन स्कीम इस प्रकार की होनी चाहिए कि जिससे एक पेंशनर बिना किसी सहारे के स्वतन्त्रतापूव्रक एवं आत्म सम्मान एवं उस स्तर का जीवनयापन कर सके जैसा कि वो सेवाकाल में करता रहा है। उपराकक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि सेवा निवृत्त कर्मचारी को भुगतान की जाने वाली पेंशन वैधानिक एवं कानूनी रूप से प्रभावी है, जिससे एक पेंशनर को वंचित नहीं किया जा सकता है। इस सम्बन्ध में भारत के कतिपय पड़ोसी राष्ट्रों, जिनकी अथव्यवस्था भारत से कहीं अधिक कमजोर है, के सिविल पेंशनरों को भुगतान की जा रही है। 

भारत के पेंशनर्स को अन्तिम वेतन का 50 प्रतिशत और पारिवारिक पेंशनर्स को 30 प्रतिशत धनराशि अनुमन्य है, जो कि एक पेंशनर व उसके परिवार के लिए नितान्त नाकाफी है। उपरोक्त के दृष्टिगत अखिल भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ एवं राज्य के पेंशनर्स संगठनों द्वारा समय-समय पर इस सम्बन्ध में किये गये विचार मंथन एंव मार्ग दर्शन से यह स्पष्ट है कि वर्तमान में एक पेंशनर अपन जीवन यापन एंव सामाजिक आवश्यकता की पूर्ति नहीं कर पा रहा है। 

 देश के वरिष्ठ जनों का उनके परिवार एवं समाज में महत्वपूर्ण स्थान रहा है और चूँकि केन्द्रीय एवं प्रदेशीय पेंशनर्स भी वरिष्ठ नागरिक श्रेणी में आत हैं, इसलिए उनका भी महत्वपूर्ण स्थान होना चाहिए, परन्तु विगत कई वर्षो से पेंशनर की समस्याओं के प्रति सरकार द्वारा उदारतापूर्ण दृष्टिकोण के बजाय उपेक्षापूर्ण नीति क प्रदर्शन किया जा रहा है।

  इस मौके पर सत्यदेव सिंह,पारसनाथ यादव,उमाशंकर मिश्र समेत दर्जनभर पेंशनर्स उपस्थित रहे। 

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