मेडिकल कॉलेज में संपन्न हुई मृत्यु के कारणों के लिए मेडिकल सर्टिफिकेशन कार्यशाला
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जौनपुर। रविवार को उमानाथ सिंह राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय जौनपुर में "मेडिकल सर्टिफिकेशन ऑन काज़ ऑफ डेथ" पर एक दिवसीय सी एम ई टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल वाराणसी के सौजन्य से संपन्न हुई। टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुंबई द्वारा संचालित मदन मोहन मालवीय कैंसर हॉस्पिटल वाराणसी एवं होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल वाराणसी के संकाय सदस्य एवं चिकित्सा अधीक्षक डॉ अशोक आनंद और उनकी टीम ने इस कार्यशाला को संपन्न कराने में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान किया।
सीएमई का उदघाटन उमानाथ सिंह चिकित्सा महाविद्यालय जौनपुर के प्राचार्य प्रोफेसर शिव कुमार एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ ए ए जाफ़री ने किया।
सीएमई के आरंभ में कार्यक्रम का संचालन डॉ विपिन थंपी संकाय सदस्य एवं नोडल ऑफिसर होमी भाभा एवं मदन मोहन मालवीय कैंसर हॉस्पिटल वाराणसी ने करते हुए टाटा मेमोरियल सेंटर मुंबई एवं होमी भाभा एवं मदन मोहन मालवीय कैंसर हॉस्पिटल वाराणसी के बारे में विस्तृत से जानकारी प्रदान किया। उन्होंने बताया की मृत्यु के कारणों के सर्टिफिकेशन के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के सी आर एस पोर्टल पर मृत्यु का रजिस्ट्रेशन होता है जिसके एपिडेमियोलॉजिकल डाटा का सर्वे करने के बाद केंद्र से विभिन्न प्रकार की योजनाएं क्रियान्वित किया जाता है। अतः मृत्यु के कारणों पर शत प्रतिशत बिना त्रुटि के मेडिकल सर्टिफिकेशन की आवश्यकता अत्यंत से अधिक है।
सीएमई की अगली कड़ी में जूम लिंक द्वारा डॉ बुरहानुद्दीन, डॉ एच आर चौधरी एवम डॉ रुचि पाठक को क्रमशः मुजफ्फरपुर बिहार, मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया, एवं मुंबई से जोड़ना था, किंतु टेक्निकल दिक्कतों के कारण इन वक्ताओं का प्रस्तुतीकरण नहीं हो पाया।
सीएमई के अगली कड़ी में होमी भाभा कैंसर इंस्टीट्यूट एवं मदन मोहन मालवीय कैंसर हॉस्पिटल वाराणसी के चिकित्सा अधीक्षक एवं संकाय सदस्य डॉ आकाश आनंद का प्रस्तुतीकरण हुआ जो अत्यंत प्रभावी एवं इंटरएक्टिव रहा। उन्होंने मेडिकल सर्टिफिकेट में किस प्रकार मृत्यु के कारणों का वर्णन किया जाना है इसके बारे में विस्तार पूर्वक बताया। मेडिकल सर्टिफिकेट में मृत्यु के कारणों को बताए जाने का क्या महत्व है इसके बारे में भी उन्होंने पुनः प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इन एपीडिमयोलॉजिकल डाटा के आधार पर केंद्र व राज्य सरकारें आगे की बुनियादी व्यवस्थाएं एवं अन्य योजनाएं क्रियान्वित किए जाने हेतु बनाती है। उनहोने अंडरलाइंग कॉज, एनटीसीडेन्ट कॉज एवम इमिमीडिट कॉज ऊफ़ डेथ के बारे में विस्तारपूर्वक बताया।
सीएमई के अंतिम चरण में इंटरएक्टिव सेशन का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न वास्तविक केस पर आधारित मृत्यु की दशाओं के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। उन्होंने यह भी बताया कि ऐसी स्थिति यदि हो तो मृत्यु के कारण का मेडिकल सर्टिफिकेट किस प्रकार भरा जाए। इस सेशन में डॉ आकाश आनंद ने डेलीगेट्स के साथ इंटरैक्ट किया।
कार्यक्रम के आयोजक एवं सीएमई के आयोजन अध्यक्ष यूएनएस राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ ए ए जाफरी ने कार्यक्रम के अगले चरण में धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि टाटा मेमोरियल सेंटर ने राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय जौनपुर में इस सीएमई का आयोजन करके संकाय सदस्यों एवं अन्य डेलीगेटस में मेडिकल सर्टिफिकेट ऑन कॉज ऑफ डेथ के जानकारी में अत्यंत बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है जब यह समझ में नहीं आता की इस मेडिकल सर्टिफिकेट में किस प्रकार कॉज आप डेथ को भरा जाए। आज की सीएमई के बाद सभी डेलीगेट में, इस तरह की स्थिति में क्या किया जाए, के बारे में जानकारी में अच्छी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने डॉ आकाश आनंद और उनकी टीम का धन्यवाद ज्ञापन किया कि उन्होने वाराणसी से आकर इस सीएमई को संपन्न कराया।
सीएमई के अंत में डॉक्टर एकांश राठौरीया, सीएमई के संयोजन सचिव, ने टाटा मेमोरियल सेंटर वाराणसी एवं डॉ आकाश आनंद और उनकी टीम को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने सभी आए हुए डेलिगेट्स के प्रति सम्मान व्यक्त किया एवं उनका धन्यवाद ज्ञापित किया। सीएमई का समापन डेलीगेटस को डॉ आकाश आनंद एवं डॉ ए ए जाफरी द्वारा सर्टिफिकेटस प्रदान करके किया गया। इस सीएमई के लिए उत्तर प्रदेश मेडिकल काउंसिल ने 3 क्रेडिट प्वाइंट प्रदान करने का निर्णय लिया है।
उमानाथ सिंह चिकित्सा महाविद्यालय जौनपुर के प्राचार्य प्रोफेसर शिवकुमार के निर्देशन में यह कार्यशाला संपन्न कराई गई जिसमें मेडिकल कॉलेज के संकाय सदस्य, सीनियर रेजिडेंट, जूनियर रेजिडेंट तथा एमबीबीएस के छात्रों ने डेलीगेट्स के तौर पर भाग लिया। इस सीएमई का उद्देश्य एवम एक सूत्रीय एजेंडा "मृत्यु के कारणों पर मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने सम्बन्धी विस्तृत जानकारी" पर मेडिकल छात्रों और मेडिकल कालेज के संकाय सदस्यों, सीनियर व जूनियर रेसीडेंट्स के लिए एक मंच प्रदान करना था।
सीएमई का उदघाटन उमानाथ सिंह चिकित्सा महाविद्यालय जौनपुर के प्राचार्य प्रोफेसर शिव कुमार एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ ए ए जाफ़री ने किया।
सीएमई के आरंभ में कार्यक्रम का संचालन डॉ विपिन थंपी संकाय सदस्य एवं नोडल ऑफिसर होमी भाभा एवं मदन मोहन मालवीय कैंसर हॉस्पिटल वाराणसी ने करते हुए टाटा मेमोरियल सेंटर मुंबई एवं होमी भाभा एवं मदन मोहन मालवीय कैंसर हॉस्पिटल वाराणसी के बारे में विस्तृत से जानकारी प्रदान किया। उन्होंने बताया की मृत्यु के कारणों के सर्टिफिकेशन के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के सी आर एस पोर्टल पर मृत्यु का रजिस्ट्रेशन होता है जिसके एपिडेमियोलॉजिकल डाटा का सर्वे करने के बाद केंद्र से विभिन्न प्रकार की योजनाएं क्रियान्वित किया जाता है। अतः मृत्यु के कारणों पर शत प्रतिशत बिना त्रुटि के मेडिकल सर्टिफिकेशन की आवश्यकता अत्यंत से अधिक है।
सीएमई की अगली कड़ी में जूम लिंक द्वारा डॉ बुरहानुद्दीन, डॉ एच आर चौधरी एवम डॉ रुचि पाठक को क्रमशः मुजफ्फरपुर बिहार, मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया, एवं मुंबई से जोड़ना था, किंतु टेक्निकल दिक्कतों के कारण इन वक्ताओं का प्रस्तुतीकरण नहीं हो पाया।
सीएमई के अगली कड़ी में होमी भाभा कैंसर इंस्टीट्यूट एवं मदन मोहन मालवीय कैंसर हॉस्पिटल वाराणसी के चिकित्सा अधीक्षक एवं संकाय सदस्य डॉ आकाश आनंद का प्रस्तुतीकरण हुआ जो अत्यंत प्रभावी एवं इंटरएक्टिव रहा। उन्होंने मेडिकल सर्टिफिकेट में किस प्रकार मृत्यु के कारणों का वर्णन किया जाना है इसके बारे में विस्तार पूर्वक बताया। मेडिकल सर्टिफिकेट में मृत्यु के कारणों को बताए जाने का क्या महत्व है इसके बारे में भी उन्होंने पुनः प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इन एपीडिमयोलॉजिकल डाटा के आधार पर केंद्र व राज्य सरकारें आगे की बुनियादी व्यवस्थाएं एवं अन्य योजनाएं क्रियान्वित किए जाने हेतु बनाती है। उनहोने अंडरलाइंग कॉज, एनटीसीडेन्ट कॉज एवम इमिमीडिट कॉज ऊफ़ डेथ के बारे में विस्तारपूर्वक बताया।
सीएमई के अंतिम चरण में इंटरएक्टिव सेशन का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न वास्तविक केस पर आधारित मृत्यु की दशाओं के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। उन्होंने यह भी बताया कि ऐसी स्थिति यदि हो तो मृत्यु के कारण का मेडिकल सर्टिफिकेट किस प्रकार भरा जाए। इस सेशन में डॉ आकाश आनंद ने डेलीगेट्स के साथ इंटरैक्ट किया।
कार्यक्रम के आयोजक एवं सीएमई के आयोजन अध्यक्ष यूएनएस राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ ए ए जाफरी ने कार्यक्रम के अगले चरण में धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि टाटा मेमोरियल सेंटर ने राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय जौनपुर में इस सीएमई का आयोजन करके संकाय सदस्यों एवं अन्य डेलीगेटस में मेडिकल सर्टिफिकेट ऑन कॉज ऑफ डेथ के जानकारी में अत्यंत बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है जब यह समझ में नहीं आता की इस मेडिकल सर्टिफिकेट में किस प्रकार कॉज आप डेथ को भरा जाए। आज की सीएमई के बाद सभी डेलीगेट में, इस तरह की स्थिति में क्या किया जाए, के बारे में जानकारी में अच्छी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने डॉ आकाश आनंद और उनकी टीम का धन्यवाद ज्ञापन किया कि उन्होने वाराणसी से आकर इस सीएमई को संपन्न कराया।
सीएमई के अंत में डॉक्टर एकांश राठौरीया, सीएमई के संयोजन सचिव, ने टाटा मेमोरियल सेंटर वाराणसी एवं डॉ आकाश आनंद और उनकी टीम को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने सभी आए हुए डेलिगेट्स के प्रति सम्मान व्यक्त किया एवं उनका धन्यवाद ज्ञापित किया। सीएमई का समापन डेलीगेटस को डॉ आकाश आनंद एवं डॉ ए ए जाफरी द्वारा सर्टिफिकेटस प्रदान करके किया गया। इस सीएमई के लिए उत्तर प्रदेश मेडिकल काउंसिल ने 3 क्रेडिट प्वाइंट प्रदान करने का निर्णय लिया है।