अदा की गई अलविदा जुमे की नमाज
इसी क्रम में शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ जौनपुर में अलविदा जुमा पर उपस्थित हजारों नमाजियों को ख़ुत्बा ए जुमा में सम्बोधित करते हुए इमामे जुमा मौलाना महफुज़ुल हसन खां ने कहा कि रमज़ानुल मुबारक के रोज़ो से मुसलमान सब्र, आपसी मेलजोल, मसावात+समता) की तालिम हासिल करता है मुस्लिम समाज की तरक़्की (विकास) उसी वक्त मुमकिन है जब समाज तालिमयाफ्ता (शिक्षित) हो इस्लाम एक आफाक़ी (सार्वभौमिक) धर्म है जो पूरी दुनिया के इन्सानों की सलामती चाहता है हम सब मिलकर एक ऐसी दुनिया बनाएं जिससे इन्सानियत को बुलन्दी हासिल हो ख़ुत्बा ए जुमा के बाद मौलाना महफुज़ुल हसन खां ने हज़ारों नमाजियों को नमाज़े जुमा अदा कराई,और अलविदा जुमा की मख़्सूस दुआ पढ़ाई।
मुल्क और मिल्लत की खुशहाली और अमन की मख़्सूस दुआ की। मुतवल्ली शिया जामा मस्जिद शेख़ अली मंज़र डेज़ी और जामा मस्जिद नवाब बाग़ इन्तेज़ामिया कमेटी जौनपुर के सदस्यों ने सुव्यवस्थित नमाज़ की अदायगी के लिए नमाजियों और ज़िला प्रशासन, पुलिस प्रशासन,नगर पालिका परिषद प्रशासन एवं राजनेताओं एवं असलम नकवी, इमरान खां, अहमद, तहसीन अब्बास सोनी, नासिर रजा गुड्डू, तालिब रजा शकील एडवोकेट, हाशिम खान, तहसीन शाहिद, कमर हसनैन दीपू पत्रकार, एवं शिया जामा मस्जिद प्रबंध समिति के सदस्यों, के सहयोग के लिए उनका शुक्रिया अदा किया।