पर्यावरण के साथ मानव सभ्यता की भी संरक्षक हैं नदियाँ: वॉटर वुमेन
स्वच्छ गोमती अभियान ने वॉटर वुमेन का भव्य स्वागत किया। 36 किलोमीटर चल कर वॉटर वुमेन गोपीघाट पर पहुंच गईं। वॉटर वुमेन का गोपीघाट पर स्वच्छ गोमती अभियान के अध्यक्ष गौतम गुप्ता के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने भव्य स्वागत किया। माँ गोमती के भक्तों के स्वागत से अभिभूत वॉटर वुमेन ने कहा कि सभी लोग माँ गोमती की सेवा कीजिये, उसे बचाने का प्रयास कीजिये, जल को स्वच्छ रखने का प्रयास कीजिये।
उन्होंने कहा कि जल और नदियों को बचाने का एक मात्र उपाय पौधारोपण ही है, इसलिये प्रत्येक व्यक्ति को अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिये और वयस्क होने तक पौधों का संरक्षण भी करना चाहिये।
पत्रकारों से वार्ता के दौरान वॉटर वुमेन ने कहा कि नदियाँ सिर्फ जल का स्रोत नहीं हैं। नदियों के किनारे सभ्यताओं ने जन्म लिया है, उनका विकास हुआ है, इसलिये नदियाँ मानव सभ्यता की जननी हैं। नदियों को बचाने से मानव स्भ्व्यता का इतिहास भी संरक्षित रहेगा। वॉटर वुमेन ने कहा कि जिसका इतिहास समाप्त हो जाता है, वो सभ्यता भी नहीं बचती, इसलिये मानव सभ्यता को बचाने के लिये भी नदियों को बचाना होगा और यह कार्य सभी के जागरूक होने से ही संभव है। *पत्रकारों से वार्ता के दौरान स्वच्छ गोमती अभियान के अध्यक्ष गौतम गुप्ता ने निषादराज जयंती के अवसर पर नगर के गोपी घाट पर भगवान निषादराज जी की 101 फ़ीट ऊंची प्रतिमा लगाए जाने हेतु उ0प्र0 सरकार से विनम्र मांग की, और बताया कि जल्द इस बाबत संस्था की ओर से, जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से मुख्यमंत्री जी को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
इस अवसर पर महामंत्री ब्रजेश मौर्य, कार्यक्रम संयोजक चन्दन निषाद, अंजू पाठक, प्रमोद श्रीवास्तव, मधुकर तिवारी, बबलू दुबे, आशीष श्रीवास्तव, मोहनीश शुक्ला, अमलेंद्र गुप्ता, रोहित सिंह, आशुतोष श्रीवास्तव, दीपक गुप्ता, संजय गुप्ता, विनोद साहू, विकास, अंशुमान, श्रवण, सोमेश्वर प्रसाद केशरवानी, सुशील चंद्र पांडेय, डॉ. गिरीश चौबे और डॉ. राजदेव दुबे सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। संचालन आलोक वैश्य ने किया।