इस योजना से बाल विवाह, लिंग भेदभाव जैसी कुप्रथा का अंत होगा
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जौनपुर। जिलाधिकारी के निर्देश पर महिला कल्याण विभाग द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजनान्तर्गत 25 मार्च 2023 से 31 मार्च 2023 तक विशेष अभियान के तहत बालिका के जन्म के प्रति समाज में सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आज धर्मापुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कन्या जन्मोत्सव कार्यक्रम किया गया। इस अवसर पर नवजात शिशुओं की माताओं को बेबी किट व मिठाई उपलब्ध कराया गया एवं कन्या सुमंगला योजना से भी जोड़ा गया।
जिला समन्वयक प्रतिभा सिंह ने बताया कि कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत सरकार द्वारा 06 चरणों में आर्थिक मदद उपलब्ध करायी जाती है। इस योजना से बाल विवाह, लिंग भेदभाव जैसी कुप्रथा का भी अंत होगा।
जिला समन्वयक बबीता ने कहा कि बेटा-बेटी में भेदभाव न करें, दोनों को समान शिक्षा दें, जिससे बेटियां भी अपने पैरों पर खड़ा होकर परिवार, समाज एवं देश का नाम रोशन करें। उन्होंने यह भी कहा कि जहां भी महिलाओं का समाज में उत्पीड़न हो, उसका कड़ा विरोध करें। उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर कार्य के दौरान कार्य में महिलाओं को बराबर अधिकार दें। पीसीपीएनडीटी एक्ट भारत में कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए भारत की संसद द्वारा पारित संघीय कानून है। उन्होंने घरेलू हिंसा, बाल विवाह, लिंग परीक्षण, कन्या भ्रूण हत्या आदि के बारे में विस्तार से बताया। घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के बारे में बताते हुए कहा कि इस अधिनियम का उद्देश्य घरेलू हिंसा से बचाना एवं पीड़ित महिलाओं को कानूनी सहायता उपलब्ध कराना हैं।
महिला शक्ति केंद्र की टीम द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के दृष्टिगत हेल्पलाइन नम्बर 1090 वूमेन पावर लाइन, 181 महिला हेल्पलाइन, 1076 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, 112 पुलिस आपातकाल, 102 स्वास्थ्य सेवायें एवं 108 एम्बूलेंस सेवाओं के बारे में अवगत कराया गया।
इस अवसर पर सविता यादव, कस्तूरबा गाँधी आवासीय विद्यालय के बच्चे भी उपस्थित रहे।
जिला समन्वयक प्रतिभा सिंह ने बताया कि कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत सरकार द्वारा 06 चरणों में आर्थिक मदद उपलब्ध करायी जाती है। इस योजना से बाल विवाह, लिंग भेदभाव जैसी कुप्रथा का भी अंत होगा।
जिला समन्वयक बबीता ने कहा कि बेटा-बेटी में भेदभाव न करें, दोनों को समान शिक्षा दें, जिससे बेटियां भी अपने पैरों पर खड़ा होकर परिवार, समाज एवं देश का नाम रोशन करें। उन्होंने यह भी कहा कि जहां भी महिलाओं का समाज में उत्पीड़न हो, उसका कड़ा विरोध करें। उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर कार्य के दौरान कार्य में महिलाओं को बराबर अधिकार दें। पीसीपीएनडीटी एक्ट भारत में कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए भारत की संसद द्वारा पारित संघीय कानून है। उन्होंने घरेलू हिंसा, बाल विवाह, लिंग परीक्षण, कन्या भ्रूण हत्या आदि के बारे में विस्तार से बताया। घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के बारे में बताते हुए कहा कि इस अधिनियम का उद्देश्य घरेलू हिंसा से बचाना एवं पीड़ित महिलाओं को कानूनी सहायता उपलब्ध कराना हैं।
महिला शक्ति केंद्र की टीम द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के दृष्टिगत हेल्पलाइन नम्बर 1090 वूमेन पावर लाइन, 181 महिला हेल्पलाइन, 1076 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, 112 पुलिस आपातकाल, 102 स्वास्थ्य सेवायें एवं 108 एम्बूलेंस सेवाओं के बारे में अवगत कराया गया।
इस अवसर पर सविता यादव, कस्तूरबा गाँधी आवासीय विद्यालय के बच्चे भी उपस्थित रहे।