गेहूं की फसल पर पछुआ हवा की मार, घटेगी पैदावार
ये हवायें न केवल गेहूं बल्कि सरसों की फसल के लिए भी हानिकारक हैं।जिन खेतों में गेहूं की फसल में बालियां निकल आई हैं ।उनमें कुछ फ्लावरिंग स्टेज में हैं और कुछ मिल्की स्टेज में हैं। तापमान अधिक होने और तेज पछुआ हवाओं के कारण बालियों का दूध सूख जाने का डर रहता है, जिस कारण दाने कमजोर हो जाते हैं और पैदावार घट जाती है। गेहूं की जो फसल देर से बोई गई है बढ़ा तापमान और तेज हवायें उन्हें भी नुकसान पहुंचायेगी क्योंकि ऐसे गेहूं की फसल का पूरी तरह विकास नहीं होगा और जल्द ही बालियां निकल आयेंगी।सोमवार को सुबह से ही तेज हवाओं का चलना शुरू हो गया था। सुबह कुछ गलन थी लेकिन जैसे -जैसे दिन चढ़ता गया हवा की गलन दूर हो गई। ग्रामीण इलाकों के खाली मैदानों में धूल के गुब्बार उठना शुरू हो गये हैं।यह विकास खंड मछलीशहर के गांव बामी का दृश्य है जहां सिंचाई के पश्चात किसान मायूस नजर से गेहूं की लोटी फसल को देख रहे हैं।इस सम्बन्ध में बामी के अनुभवी किसान प्रेमचंद प्रजापति कहते हैं कि सुबह खेत की सिंचाई से बचना चाहिए और शाम को जब हवा की गति धीमी हो जाये तो फसल की हल्की सिंचाई करनी चाहिए।