पांच माह बीतने के बाद भी हवा में तीर चला रही है पुलिस
बताते चलें कि पुलिस द्वारा घटना के पर्दाफाश करने के लिए गठित की गई टीमो के हाथ आज भी खाली है।सत्यम को पुलिस खोजने मे नाकाम साबित हो रही है ।पुलिस ने दावे पर दावे जरूर किये लेकिन पुलिस के दावे खोखले साबित हुए। किसी अनहोनी की आशंका से परिजन आज भी सिहर उठते हैं। लौह (पंडित का पूरा) गांव में छः सितम्बर की आधी रात मुंह पर कपड़ा बांध कर आए अपहरणकर्ता ने दादी की गोद में सो रहे ग्यारह महीने के मासूम सत्यम को लेकर फरार हो गये थे। जिसकी सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे पुलिस उपाधीक्षक मछलीशहर अतर सिंह के साथ ही तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक सदानंद राय ने शीघ्र ही अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार करने और सत्यम को लाने में कामयाब होने का उसकी मां के साथ ही परिजनो को भरोसा दिलाया था। लेकिन उनके आश्वासन के तीन महीने बाद भी पुलिस के हाथ न तो इकलौता सत्यम लगा और न ही पुलिस परिजनो का भरोसा जीतने में अभी तक कामयाब हो पाई। गांव के लोग आज भी खौफजदा हैं। पुलिस इस घटना का पर्दाफाश करने में कब सफल होगी समय स्वयं में साक्षी होगा। फिलवक्त अपहरण की उक्त घटना पुलिस के लिए एक कठिन चुनौती साबित हो जा रही है। इस संबंध में वर्तमान थानाध्यक्ष विवेक तिवारी का कहना है कि सत्यम अपहरण की घटना एक चुनौती है। पुलिस पूरी तत्परता से मामले का पर्दाफाश करने मे लगी हुई है।