इस प्राथमिक स्कूल में बच्चो को शिक्षा के साथ दी जा रही है जैविक विधि से खेती करने का ज्ञान
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जौनपुर। प्राथमिक स्कूलों का किरत सूरत, पढ़ाई लिखाई में तेजी से सुधार हो रहा है। हिन्दी, इग्लिस और्र उर्दू मीडियम से बच्चो को गुणवक्तायुक्त तालिम शिक्षको द्वारा दी जा रही है। कई स्कूलों में तारा मण्डल के माध्यम से आसमान में होने वाली गतिविधियों की जानकारी नन्हे मुन्ने बच्चे प्राप्त रहे है। अब इन बच्चो को पढ़ाई लिखाई के साथ साथ जैविक विधि से खेती करने का गुर भी टीचरों द्वारा बताया जा रहा है। स्कूल परिसर में ही किचेन गार्डेन बनाकर सब्जी फल की खेती कराया जा रहा है।सिरकोनी ब्लाक के चकताली प्राथमिक इग्लिस मीडियम स्कूल में इग्लिस मीडियम से बच्चों को टीचरो द्वारा गुणवक्तायुक्त शिक्षा प्रदान किया जा रहा है। खेल कुद और छात्राओं को आत्मरक्षार्थ ताइक्वाडों की टेªनिंग भी पहले से दी जा रही है। अब शिक्षको द्वारा बच्चों को जैविक विधि से खेती करना सिखाया जा रहा है। इसके लिए यूको क्लब की स्थापना किया गया है। इसमें कक्षा एक से लेकर पांच तक के 11 सदस्यीय छात्र-छात्राओ ंको टीम में शामिल किया गया है। इस क्लब के माध्यम से बच्चों को पर्यावरण,बृक्षारोपण,कुड़े का निस्तारण, जैविक खाद बनाना और जैविक विधि से खेती करना सिखाया जाना शामिल किया गया है।
इस स्कूल की प्रधानाध्यापिका डॉ उषा सिंह ने बताया कि विगत कई दशक से खेती में रसायनिक खादो का प्रयोग हो रहा है। जिसके कारण मानव जीवन, पशु पक्षियों और पर्यावारण पर बुरा असर पड़ रहा है। इस लिए बच्चो को शिक्षा के साथ जैविक विधि से खेती करने का ज्ञान भी देना जरूर हो गया है। पहले बच्चों को पेड़ पाधों से गिरने वाली पत्तियों, सब्जी के छिलके से जैविक खाद बनवाया गया उसके बाद इसी खाद का प्रयोग विद्यालय में बने किचेन गार्डेन में सब्जियों की खेती में कराया गया है। तैयार होने पर इस सब्जी का प्रयोग एमडीएम में किया जायेगा।
डॉ उषा का कहना है कि इसके माध्यम से जहां बच्चे जैविक खेती करना सीख रहे है वही हमारे स्कूल पढ़ने वाले बच्चो के सभी गार्जियन किसान है वे अपने अभिभावको को भी जैविक खेती करने के लिए प्रेरेरित कर सकते है।