विटामिन बी की कमी से मानसिक रोग का खतरा: प्रो.वंदना राय
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जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में बायोटेक्नोलॉजी विभाग की पूर्व संकायाध्यक्ष और विभागाध्यक्ष प्रो. वंदना राय ने कहा कि
आजकल की व्यस्त दिनचर्या, फास्ट फूड के प्रति बढ़ती रुचि व संतुलित आहार का अभाव लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्या पैदा कर रही है। इससे शरीर में विटामिन बी और पोषक तत्वों की कमी और उनके स्तर में गिरावट से अनेक प्रकार की बीमारियों को हम आमंत्रित कर रहे हैं। शरीर में विटामिन बी के कमी से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं जैसे रक्त कोशिकाओं की कमी, थकान, कमजोरी वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके नजरअंदाज करने से लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्या बढ़ रही है।
प्रोफेसर राय नागपुर में 108 वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस आरटी एम विश्वविद्यालय नागपुर में आमंत्रित व्याख्यान में बोल रहीं थीं। उन्होंने कहा कि व्यस्कों को प्रतिदिन 400 माइक्रोग्राम की बच्चों को 150-300 माइक्रोग्राम व गर्भवती और स्तनपान करने वाली महिलाओं को 500 माइक्रोग्राम से 600 माइक्रोग्राम तक फोलेट की आवश्यकता होती है। किंतु लोगों में इसके प्रति जागरूकता का अभाव होने के कारण लोग ध्यान नहीं देते है न ही इसकी जाँच कराते है। इससे न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, क्लेफ्ट लिप एंड पैलेट, अनेक मानसिक रोगों व कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार जानकारी का अभाव इस समस्या को बढ़ा रहा है ।फोलेट हरी पत्तेदार सब्जियों, ताजे फलों, ब्रोकलि, मूंगफली, अखरोट इत्यादि में पाया जाता है। इस वर्ष के भारतीय विज्ञान कांग्रेस का विषय "महिला सशक्तिकरण के साथ सतत् विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी" है।
इसी क्रम को परिभाषित करते हुए प्रो वंदना राय ने देश में भोजन में विटामिन के महत्व के प्रति लोगों को विशेष कर महिलाओं व बच्चों को जागरूक करने पर जोर दिया। कहा कि इससे हमारी आने वाली पीढ़ियां शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से स्वस्थ होकर देश की प्रगति में सहयोग कर सकेंगी। महिला स्वास्थ्य पर किये गए शोध और जागरूकता के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रो वंदना राय को शिक्षक श्री पुरुस्कार के साथ ही राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरुस्कार प्राप्त होते रहे हैं। विज्ञान कांग्रेस में बायोटेक्नोलॉजी विभाग के प्रो प्रदीप कुमार ने भी रेड सेल एंजाइमस् पॉलीमोर्फिसम् में अपना शोधपत्र प्रस्तुत किया।
यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि भारतीय विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया और कहा कि अगले 25 वर्षों में भारत जिस ऊंचाई पर होगा, उसमें भारत की वैज्ञानिक शक्ति की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी।