निरंकारी सत्गुरु ने मानवता को दिया दिव्य संदेश
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जौनपुर। “ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति से जीवन में वास्तविक भक्ति का आरम्भ होता है और उसके ठहराव से हमारा जीवन भक्तिमय एंव आनंदित बन जाता है।“ उक्त् उद्गार निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज द्वारा मडियाहू पड़ाव स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में आयोजित एलईडी टीवी के माध्यम से ‘नव वर्ष’ के विशेष सत्संग समारोह में उपस्थित विशाल संत समूह को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किया। इस कार्यक्रम का लाभ लेने हेतु जौनपुर शहर सहित जिले के अन्य स्थानों से भी सैकड़ों की संख्या में भक्तगण उपस्थित हुए जहां सभी ने सत्गुरु के पावन प्रवचनों से स्वयं को आनन्दित एवं कृतार्थ किया। मुक्ति मार्ग का उल्लेख करते हुए सत्गुरु ने फरमाया कि मुक्ति केवल उन्हीं संतों को प्राप्त होती है जिन्होंने वास्तविक रूप में ब्रह्मज्ञान की दिव्यता को समझा और उसे अपने जीवन में अपनाया। जीवन की महत्ता और मूल्यता तभी होती है जब वह वास्तविक रूप से जी जाये दिखावे के लिए नहीं। वास्तविक भक्ति तो वह है जिसमें हम सभी हर पल, हर क्षण में इस निरंकार प्रभू से जुड़े रहे। अन्त में सत्गुरु ने सबके लिए यही अरदास की कि हम सभी अपने उत्तम व्यवहार एवं भक्तिमय जीवन से समस्त संसार को प्रभावित करते हुए सुखद एंव आनंदमयी जीवन जीये। सभी संतों का जीवन निरंकार का आधार लेते हुए शुभ एंव आनन्दित रूप में व्यतीत हो। इस अवसर पर तमाम लोग उपस्थित रहे।