लव जेहाद के नाम पर मुसलमानों को न करें बदनाम:मौलाना यासूबअब्बास
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जौनपुर। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव एवं प्रवक्ता मौलाना डॉ.यासूब अब्बास ने कहा कि देश में कॉमन सिविल कोड यदि लागू होता है तो हम लोग उसका विरोध करेगें क्योंकि इसके लागू होने से हिन्दुस्तान में कई धर्मों केे लोग रहते हैं और एक दूसरे के धर्म का सम्मान भी करते हैं। यदि कॉमन सिविल कोड का कानून लागू होता है तो इसका सीधा असर हमारे पर्सनल लॉ बोर्ड पर पड़ेगा जो हम लोग किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगें। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वे सभी धर्म व मजहबों का सम्मान करते हुए ऐसे कानून लाने से बचे। मौलाना डॉ.यासूब अब्बास मंगलवार को नगर के नासिरिया अरबी कॉलेज में अय्यामें फातमी की मजलिस को पढ़ने को आये थे। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि आज देश में लव जेहाद के नाम पर इस्लाम को बदनाम किया जा रहा है जो ठीक नहीं है। लड़की चाहे किसी भी मजहब की हो उसके साथ यदि कोई गलत करता है तो कानून उसे कड़ी से कड़ी सजा दे। किसी को भी अपनी शिनाख्त नहीं छिपानी चाहिए इसके लिए मुसलमानों को ही निशाना बनाया जाये ये ठीक नहीं है। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से इस मामले में सख्त से सख्त कानून बनाने की वकालत की है। प्रदेश सरकार द्वारा मदरसों की जांच पर उन्होंने कहा कि जो मदरसे खुफिया विभाग या सरकार की निगाह में गलत कार्य करते हुए पाये जाएं तो उनके विरूद्ध जांच कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन हर मदरसों की जांच होना ये ठीक नहीं है क्योंकि इतिहास गवाह है कि इन्हीं मदरसों से आईएएस,आईपीएस,गर्वनर,राजनेता, वैज्ञानिक सहित कई ऐसी शख्सियत निकली है जिन्होंने देश की सेवा करते हुए मदरसों का नाम भी रौशन किया है। हमारे मदरसों के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं और यहां मजहब व दीन के साथ साथ देश की तरक्की व उन्नति की शिक्षा भी देते हैं। मौलाना डॉ.यासूब अब्बास ने कहा कि मुंबई में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में सभी ने सर्वसम्मत से संकल्प पत्र पारित किया कि हजरत इमाम हुसैन अ.स. का नाम शिक्षा के पाठ¬क्रम में शामिल करने की मांग किया है क्योंकि बड़े बड़े महापुरूषों के नाम सिलेबस में शामिल हैं ऐसे में इमाम हुसैन ने दुनिया में इंसानियत को बचाने के लिए अपने पूरे परिवार के साथ शहादत देकर अपना पैगाम दिया था। खासतौर पर हिन्दुस्तान से उनकी मोहब्बत जग जाहिर है। आज दुनिया में दो तरह का इस्लाम है एक सर काटकर अपनी तालिबानी हुकूमत का इजहार करता है तो दूसरी तरफ कर्बला हमें सर कटाकर हमें इसानियत बचाने का संदेश देती है। ऐसे में इमाम हुसैन के संदेश को दुनिया तक पहुंचाना हमारा कतर््वय है। इस मौके पर नासिरिया अरबी कॉलेज के प्रधानाचार्य मौलाना महफूजुल हसन खां, हिन्दुस्तान मानवाविधाकर के महासचिव वकार हुसैन, जुहैरूल हसन खां सहित अन्य लोग मौजूद रहे।