शूपर्णखा ने रावण को दिया राजनीति का उपदेश

सुइथाकला, जौनपुर। स्थानीय विकास खण्ड स्थित नवयुवक रामलीला समिति ईशापुर (डिहवा) द्वारा आयोजित रामलीला में शूपर्णखा-रावण संवाद से श्री राम-सुग्रीव मित्रता तक की भावमयी लीला का मंचन किया गया। शूपर्णखा-रावण संवाद, रावण-मारीच संवाद, मारीच का माया मृग बनना, सीता हरण, राम विलाप सीता की खोज तथा राम सुग्रीव मित्रता आदि की लीला देखकर लोग भावविभोर हो गये। खर दूषण समेत राक्षसों के वध का समाचार लेकर शूर्पणखा दशकंधर के दरबार में पहुंची और क्रोध से युक्त वाणी में रावण से नीति की बातें करती हुई बोली ‘करसि पान सोवसि दिन राती। सुधि नहिं तव सिर पर आराती’।। नीति की बातें कहती हुई अन्त में शूपर्णखा रावण से यह कहकर विलाप करने लगी कि शत्रु, रोग, अग्नि, पाप, स्वामी और सर्प को कभी छोटा नहीं समझना चाहिये। शूपर्णखा की नीति की बातें सुनकर रावण चिंता मग्न होकर विचार करने लगा। खर दूषण हमारे समान ही बलशाली थे। परमात्मा के बिना उन्हें कोई दूसरा नहीं मार सकता था। अपने विवेक से अपनी सुगति के लिये वह मारीच के पास जाता है। राम लीला आयोजन में सक्रियता से सहयोग करने वालों में समिति के अध्यक्ष रामेश्वर साव, उपाध्यक्ष रामधनी मौर्य, सचिव राजेन्द्र पाण्डेय, उपसचिव शिवाजी चौरसिया, प्रबंधक रामजी चौरसिया, कोषाध्यक्ष रामधारी चौरसिया, अनन्त राम प्रजापति, संजय पाण्डेय, राम लखन गुप्ता, छोटे लाल गुप्ता, शिव प्रकाश गुप्त, टिंकू गुप्त, अरविन्द पाण्डेय, सुनील विश्वकर्मा, राम रूप बिन्द, राम सुख गुप्त, राम चन्द्र मौर्य, महेन्द्र पाण्डेय आदि मौजूद रहे।

Related

JAUNPUR 2476669609461186793

एक टिप्पणी भेजें

emo-but-icon

AD

जौनपुर का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

आज की खबरे

साप्ताहिक

सुझाव

संचालक,राजेश श्रीवास्तव ,रिपोर्टर एनडी टीवी जौनपुर,9415255371

जौनपुर के ऐतिहासिक स्थल

item