दलित अत्याचारों को लेकर राज्य स्तरीय जनसुनवाई में पीड़ितों को दी गई कानूनी सलाह
जौनपुर। पूर्व कुलपति रूपरेखा वर्मा ने कहा कि दलितों पर लगातार हो रहे उत्पीड़न की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए समाज को एकजुट होना होगा। वह शनिवार को शहर के परमानतपुर स्थित एक होटल में आयोजित दलित अत्याचारों को लेकर राज्य स्तरीय जनसुनवाई कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थी।
इस कार्यक्रम का आयोजन सामाजिक संस्था भारतीय जन सेवा आश्रम बदलापुर की ओर से किया गया था।
उन्होंने कहा कि समाज में जितनी अपराधिक और उत्पीड़न की घटनाएं हो रही हैं उसमें सबसे ज्यादा दलित वर्ग प्रभावित है ।दुष्कर्म , छुआछूत भेदभाव जैसी शर्मनाक घटनाएं भी इसी समाज के साथ ज्यादा हो रही है। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं पर तभी रोक लगेगी जब समाज के लोग जागरूक होंगे और अपने ऊपर हो रहे जुल्म और ज्यादती के प्रति मुखर होंगे और कानूनी रूप से भी जागरूक होंगे । जनसुनवाई कार्यक्रम में जौनपुर के अलावा सुल्तानपुर प्रतापगढ़ वाराणसी समेत उत्तर प्रदेश के कई अन्य जिलों से भी दलित उत्पीड़न की शिकार पीड़ित शामिल हुए थे । इस जनसुनवाई में दुष्कर्म, हत्या, सामूहिक हमला, जातीय भेदभाव से संबंधित 15 मामले रखे गए। पीड़ितों की तरफ से अदालत में चल रहे मुकदमों की स्थिति की जानकारी साझा की गई। जिस पर कानून के जानकारों ने उन्हें शीघ्र न्याय मिलने के लिए कानूनी सलाह दी। जनसुनवाई कार्यक्रम में जूरी मेंबर के तौर पर पूर्व शासकीय अधिवक्ता झिनकू राम विश्वकर्मा, आजमगढ़ के अभियोजन अधिकारी डॉ राजेश कुमार, मानवाधिकार कार्यकर्ता रामदुलार की ओर से पीड़ितों को उचित सलाह दी गई। इस मौके 30 संघर्षशील महिला और पुरुषों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर लालजी चक्रवर्ती, विनोद गौतम, रीता सरोज, दिलीप ,सुमित्रा, सावित्री समेत अन्य लोग मौजूद थे। संचालन विजेंद्र विजेंद्र कुमार ने किया। अंत अंत में भारतीय जन सेवा आश्रम के निदेशक दौलत राम ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।