भगवान श्रीकृष्ण ने करवा चौथ के उपवास रखने का सुझाव द्रौपदी को दिया था
जौनपुर।इस बार करवा चौथ का व्रत कई मायनों ने अनोखा फलदायी माना गया है। इस लिहाज से करवा चौथ का व्रत करने वाली महिलाओं को विशेष फल की प्राप्ति का योग बना रही है। प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं। धार्मिक मान्यताएं है कि भगवान श्रीकृष्ण ने करवा चौथ के उपवास रखने का सुझाव द्रौपदी को दिया था जिससे पांडवों पर आये संकट दूर हो सकें।
इस साल इस प्रमुख पतियों की लंबी आयु के लिए रखे जाने वाले व्रत का सुखद संयोग 13 अक्टूबर दिन गुरूवार को मिलेगा। यह व्रत अपने नियमों को लेकर बेहद कठिन माना जाता है। ज्योतिष व तंत्र आचार्य डा. शैलेश मोदनवाल ने बताया कि इस वर्ष करवा चौथ पर विशेष योग बन रहा है। इस बार रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा का पूजन होगा चंद्र देव अपनी उच्च राशि वृषभ में विराजमान रहेंगे। देव गुरु बृहस्पति अपनी स्वराशि मीन में एवं शनि स्वराशि मकर व बुध अपनी स्वराशि कन्या में होने से सुख और समृद्धि में वृद्धि होगी इसके अतिरिक्त सूर्य बुध युति बुधादित्य योग भी बन रहा है।
करवा चौथ पर्व पर सिद्धि योग होने से जातकों को विशेष फल की प्राप्ति होगी। सूर्योदय से पहले यह व्रत शुरू होता है। पूरे दिन निर्जला व्रत के बाद रात को चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत खोला जाता है। सूर्योदय प्रातः 06-14 बजे होगा जबकि चन्द्रोदय रात्रि 07-53 बजे के बाद होगा इस तरह व्रत की अवधि 13 घंटे 39 मिनट रहेगी। इस व्रत को लेकर शास्त्रों में यह बताया गया है कि इसको करने से न सिर्फ पति की आयु लंबी होती है बल्कि इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन की सारी परेशानियां भी दूर होती हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।