जल व दूध से अस्ताचल सूर्य को व्रती महिलाओं ने दिया अर्घ्य
विद्वान पं0 सिद्धार्थ त्रिपाठी ने भगवान भास्कर का पूजन अर्चन कर मूर्ति स्थापित करवाया। व्रती महिलाओं ने अस्ताचल सूर्य का अर्घ्य देकर पुत्रों और परिवार के लंबी उम्र की कामना किया। इस दौरान तालाब में प्रवाहित किए दीपों का विहंगम दृश्य देखते ही बन रहा था। दोपहर बाद से ही क्षेत्र के श्रद्धालु सिर पर पूजा सामग्री लेकर तालाब की तरफ चल पड़े। शाम होते-होते श्रद्धालु इकट्ठा हुए। महिलाएं वेदी पूजन के बाद नदी में सामने खड़ी होकर सूर्य देव के डूबने का इंतजार करने लगी।अर्घ्य के बाद कुछ महिलाएं अपने घर को लौटीं। तो कुछ कोसी भरने के लिए देर शाम तक तालाब पर जमी रही। मान्यता अनुसार इस दिन छठ मैया नि:संतान को संतान देती हैं। व्रती महिलाओ द्वारा विविध प्रकार के पकवान बनाए गए। इसे एक बड़े दौरी में रखा गया। सुबह से ही निर्जल रहकर स्नान आदि और श्रृंगार कर महिलाएं परिवार के लोगों के साथ छठ घाटों पर पहुंची। दीप प्रज्वलित कर छठ मैया की पूजा की गई। इसके बाद एक दीप गंगा मैया और एक दीप भगवान भास्कर को समर्पित किया गया। यह सब करने के बाद महिलाएं तालाब में कमर भर पानी में जाकर खड़ी हो गई। भगवान भास्कर के डूबने पर उन्हें अर्घ्य दिया गया। मुख्य अतिथि सांसद सीमा द्विवेदी ने छठ मेला घाट पर पहुंचकर आयोजक मंडल का आभार ज्ञापित करते हुए भगवान भास्कर का आशीर्वाद लिया। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर रखते हुए उपजिलाधिकारी मछली शहर राजेश चौरसिया, सीओ अतर सिंह तथा थाना प्रभारी रमेश यादव मय फोर्स के साथ छठ मेला घाट पर डटे रहें। इस अवसर पर नगर व क्षेत्र के गणमान्य जन भी मौजूद रहे।