जीवन जीने की कला सिखाती है श्रीराम कथाः डा. अखिलेश
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चौकियां धाम, जौनपुर। शीतला चौकियां धाम में चल रहे श्रीराम कथा के तीसरे दिन पूर्वांचल के प्रसिद्ध कथावाचक डा. अखिलेश चन्द पाठक ने भक्तों को राम कथा का रसपान कराते हुए कहा कि श्रीराम कथा मानव जीवन के लिये कल्याणकारी हितकारी है। श्रीराम कथा जीवन जीने की कला सिखाती है। प्रतिदिन कुछ समय निकालकर व्यक्ति को अपने घर में ही रहकर परिवार के साथ बैठकर हरिनाम संकीर्तन भगवन भक्ति करनी चाहिये जिससे परिवारिक जीवन में सुख शांति समृद्धि बनी रहे। वाराणसी से पधारे कथा वाचक पंडित मदन मोहन मिश्र ने प्रवचन करते हुए कहा कि राजा दशरथ के यहां ऋषि विश्वामित्र ने जनकल्याण के लिये राम लक्ष्मण की मौजूदगी में यज्ञ किया। बोले राम का अवतार ऋषि मुनियों और धर्म की रक्षा के लिये ही हुआ है। इस दौरान प्रभु श्रीराम 14 वर्ष वन गमन के दौरान राक्षसों का संहार विश्व कल्याण के लिये किये। त्रेतायुग में शत्रुघ्न ब्रम्हा स्वरूप हैं। लक्ष्मण महादेव व परब्रम्ह स्वयं श्रीरामचन्द्र जी हैं। भोपाल से पधारी प्रसिद्ध राष्ट्रीय कथावाचिका साध्वी प्रेमलता ने प्रवचन करते हुए कहा कि बैकुण्ठ धाम में शयन पर लेटे-लेटे भगवान विष्णु माता लक्ष्मी से कहते हैं कि हो सकता है मैं बैकुंठ धाम में न मिलूं समझ लेना कि मैं किसी भक्त की भक्ति से वश होकर उसके भक्ति में बंध गया हूं जो भक्त सच्चे मन से मुझे याद करता है। मेरा भजन कीर्तन करता है। मेरा नाम जप करता है। मैं उन भक्त के वश में हो जाता हूं। कथा समापन के बाद आरती पूजन कर भक्तों में प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर त्रिजुगी नाथ त्रिपाठी, हनुमान त्रिपाठी, गुड्डू त्रिपाठी, मदन गुप्ता, सीतारमन शरण जी महाराज, योगेन्द्र शास्त्री, सुरेन्द्र गिरि, अजीत गिरि, आशीष माली, राजकुमार यादव, अशोक गुप्ता आदि उपस्थित रहे।