विद्यालयों की रुचि देख अनमय मदद की आस जगी
https://www.shirazehind.com/2022/09/blog-post_823.html
जौनपुर। अनमय बचाओ अभियान के अंतर्गत आज जनपद के शाहगंज विकास खण्ड स्थित मुन्नर राम इण्टर कालेज में व्यापक रूप से अभियान चलाया गया। अभियान सुबह 8 बजे से प्रारम्भ होकर दोपहर 2 बजे तक चला। अभियान की अगुवाई करते हुए विकास तिवारी ने सर्वप्रथम विद्यालय के प्रबन्धक डॉ रामानन्द यादव जी के सहयोग से कालेज की प्रत्येक कक्षाओं में जाकर बच्चो से मदद की अपील की। गौरतलब हो कि सुल्तानपुर जनपद का निवासी 7 माह का अनमय स्पाइनल मस्कुलर एट्रोपी टाइप 1 नामक गम्भीर बीमारी से जूझ रहा है जिसके इलाज के लिए लगभग 16 करोड़ रुपये की आवश्यकता है तमाम समाजसेवियों व निजी संस्थाओं ने अनमय मदद की एक मुहिम चला रखी है। विगत दिनों सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने अनमय के परिजनों से मिलकर मदद का भरोसा दिया था। इसी क्रम में जौनपुर के युवाओ की एक टोली विकास तिवारी के तत्वाधान में हाथों में अनमय बचाओ अभियान लिखा हुआ एक बड़े बैनर के साथ मुन्नर राम इण्टर कालेज में व्यापक स्तर पर मदद का अभियान चलाया। जहा मौजूद छात्रो में अनमय को बचाने के लिये पैसे देने का जबरदस्त जुनून देखने को मिला डोनेशन बॉक्स न होने की स्थिति में दो युवक चादर फैला कर खड़े थे जहां बारी बारी से पैसे देने हेतु विद्यालय के छात्र छात्राओं का हुजूम उमड़ पड़ा तथा बच्चे यह कहते हुए सुने गए कि मम्मी और पापा से कहकर अनमय की जान बचाने के लिए हम लोगो को ढेर सारा पैसा अनमय के खाते में भेजना है।
अनमय बचाओ अभियान मुहिम का नेतृत्व कर रहे विकास तिवारी ने कहा कि अपने सभी काम छोड़कर अबोध बालक अनमय के लिए जिस दर भी जाना हो रहा है उस दर जा रहे हैं जितनी भी मदद मिल रही है वह स्वीकार कर रहे हैं हम सभी के दिल में बस एक ही हार्दिक इच्छा है कि समाज से जितना योगदान मिल रहा है वह भविष्य में अन्मय को होश संभालने के बाद इस धरा का परिचायक हो। उन्होंने मुन्नर इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य को धन्यवाद ज्ञापित किया जिन्होंने स्वयं दूरभाष पर सम्पर्क करके अनमय बचाओ अभियान से जुड़े सदस्यों को अपने महाविद्यालय के छात्र छत्राओं के बीच उपस्थित होकर अपील करने के लिए आमंत्रित किया था। जहां विद्यालय के छात्र छात्राओं ने इस अभियान को और अधिक ताकत देने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि जनपद के अन्य विभिन्न विद्यालय व महाविद्यालयों में विगत दिनों से यह मुहिम चलाई जा रही है जहां अधिक संख्या में छात्र व छात्राओं ने मदद के लिए अर्थदान भी दे रहे है।
छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कार्यक्रम के अगुवा द्वय अतुल सिंह ने कहा कि इस मौके पर अतुल सिंह ने कहा कि जीवन में हम सभी कहीं न कहीं अन्यत्र इधर-उधर खर्च करते रहते हैं लेकिन कभी-कभी हम लोगों का खर्च बेवजह होता है जो बेवजह का खर्च है अगर वह किसी जरूरतमंद के काम आ जाए तो अपनी जनपद की उपलब्धि होगी और अपने व्यक्तित्व की उपलब्धि होगी और उसी उपलब्धि को प्राप्त करने के लिए हम सब तत्पर है, जिससे किसी एक अबोध बालक की जान बच जाए इसलिए हम लोग हर जगह जा रहे हैं हर किसी से सहयोग मांग रहे हैं और वादा ही नहीं विश्वास है कि सिराजे हिंद की सरजमी है उतनी मदद कर देगी जिससे वह अबोधबालक अन्मय चलेगा भी और दौड़ेगा भी, और मैंने तो अपने सभी काम छोड़कर अपना फिलहाल का जीवन अनमय के लिए सर्वस्व न्योछावर कर दिया हूं अब जितना भी हो सकेगा उस अबोधबालक के लिए आखरी सांस तक प्रयास करूंगा और उसे बचाकर तभी सांस लूंगा। अतुल के अनुसार अनमय बचाओ अभियान जैसे मुहिम में जुड़े हुए आज आठ दिन हुए है मात्र सप्ताह भर के अथक प्रयासों से हम सभी ने मदद के रूप में लगभग पौने 2 करोड़ की धनराशि इकट्ठा कर ली है बाकी की धनराशि को इकट्ठा करने के लिए हमे अपने प्रयासों को और अधिक गति देते हुए अब जन जन को जागरूक करने की बेहद आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जनपद के हर घर से मदद की गुहार लगानी होगी जिसमें खासकर छात्र अपनी अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने विद्यालय के प्रधानाचार्य का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि ऐसे बिरले ही लोग मिलते है जिन्होंने इस मुहिम में हमारे साथ जुड़कर स्वयं से मदद की पेशकश की और खुद भी अधिक से अधिक अर्थदान का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि हम सभी जीजान से अनमय की मदद में लगे हुए है और हमारा लक्ष्य है कि प्रत्येक दिन जनपद के अन्य और विद्यालय महाविद्यालयों में जाकर इस मुहिम को गति देने का काम करेंगे।
इस अवसर पर कालेज के प्राचार्य श्रीमती अनिता यादव जी ने विद्यालय के छात्र छात्राओं तथा शिक्षक व कर्मचारियों के सामूहिक सहयोग से ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रुपये की धनराशि अनमय मदद के नाम से सम्बंधित खाते में भिजवाया।
उपरोक्त अवसर पर विकास तिवारी, अतुल सिंह, अवनीन्द्र यादव, डॉ अब्बासी, स्नेहिल यादव, अभय राज, निर्भय सिंह, कुलदीप, सोनू समेत इत्यादि लोग उपस्थित रहे।