शासन की गाइडलाइन के तहत ही रिजल्ट घोषित: परीक्षा नियंत्रक
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जौनपुर ।वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालय के परीक्षा परिणाम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के नियमों के तहत घोषित किए गए। जिन विद्यार्थियों का प्राप्तांक 25 अंक से कम है, अंकपत्र में उनका अंक जीरो दिखाई देगा। यह नियम राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत बनाया गया है। इसमें विश्वविद्यालय की तरफ से कोई गड़बड़ी नहीं है।विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक वी एन सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों में शून्य अंक को लेकर भ्रम की स्थिति है। ऐसा शासन के दिशा निर्देश के चलते किया गया है, जिन विद्यार्थियों का पूर्णांक 75 में प्राप्तांक 25 है उन्हें अनुत्तीर्ण मानकर जीरो नंबर दिया जाए।
सहायक कुलसचिव परीक्षा अजीत सिंह ने बताया कि पीजी कोर्स की वार्षिक परीक्षा के परिणाम में 63605 विद्यार्थियों का रिजल्ट बनाया गया है जिसमें से 53831 का परीक्षाफल घोषित कर दिया गया है , अभी तक 7169 विद्यार्थियों का रिजल्ट प्रायोगिक अंक महाविद्यालय से ना आने के कारण अपूर्ण है और 3183 विद्यार्थियों के परीक्षा फार्म में गलत प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिका में गलत अनुक्रमांक लिखे होने के कारण परीक्षाफल अपूर्ण है। इसी तरह स्नातक द्वितीय वर्ष और तृतीय वर्ष की वार्षिक परीक्षा में कुल 263013 छात्रों का परीक्षा परिणाम बनाया गया है। इसमें से 241149 का परिणाम घोषित किया जा चुका है और 9489 विद्यार्थियों का प्रायोगिक अंक विश्वविद्यालय को अभी तक नहीं प्राप्त हुआ इसके कारण उनका परीक्षा फल रोका गया है। विश्वविद्यालय छात्र हितों को लेकर हमेशा चिंतित रहता है।
सहायक कुलसचिव परीक्षा अजीत सिंह ने बताया कि पीजी कोर्स की वार्षिक परीक्षा के परिणाम में 63605 विद्यार्थियों का रिजल्ट बनाया गया है जिसमें से 53831 का परीक्षाफल घोषित कर दिया गया है , अभी तक 7169 विद्यार्थियों का रिजल्ट प्रायोगिक अंक महाविद्यालय से ना आने के कारण अपूर्ण है और 3183 विद्यार्थियों के परीक्षा फार्म में गलत प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिका में गलत अनुक्रमांक लिखे होने के कारण परीक्षाफल अपूर्ण है। इसी तरह स्नातक द्वितीय वर्ष और तृतीय वर्ष की वार्षिक परीक्षा में कुल 263013 छात्रों का परीक्षा परिणाम बनाया गया है। इसमें से 241149 का परिणाम घोषित किया जा चुका है और 9489 विद्यार्थियों का प्रायोगिक अंक विश्वविद्यालय को अभी तक नहीं प्राप्त हुआ इसके कारण उनका परीक्षा फल रोका गया है। विश्वविद्यालय छात्र हितों को लेकर हमेशा चिंतित रहता है।