हजरत मोहम्मद मुस्तफा व इमाम हसन की शहादत पर निकाला जुलूस
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जौनपुर। पैगम्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद मुस्तफा स.अ. व उनके बड़े नवासे इमाम हसन की शहादत पर रविवार को नगर के कई स्थानों पर शबीहे ताबूत, अलम व तुरबत का जुलूस निकाला गया। हाइडिल स्थित शाह का पंजा कदम रसूल दरगाह से जुलूस अंजुमन कौसरिया के नेतृत्व में निकाला गया। साथ ही शहर की सभी अंजुमनों के अलावा अंजुमन हुसैनाबाद, बड़ागांव व खनवाई ने अपने दर्द भरे नौहे पढ़कर नजराने अकीदत पेश किया। मजलिस को खेताब किया मौलाना मेराज हैदर मंगगलौर ने। उसके बाद अंजुमनों ने अपने दर्दभरे नौहे पढ़ते हुए जुलूस को शाह का पंजा स्थित दरगाह ले गये जहां तकरीर के बाद शबीहे ताबूत को तुर्बत से मिलाया गया और शाहपंजा इमामबाड़े में सुपुर्द-ए-खाक किया। जुलूस के संयोजक कल्बे अब्बास अच्छे ने लोगों का आभार प्रकट किया। संचालन सहर अर्शी बड़ागांव ने किया। वहीं देर रात्रि नगर के बारादुअरिया स्थित इमामबाड़ा मीर हैदर मरहूम में 27 सफर का कदीम जुलूस संपंन हुआ। मजलिस को खेताब करते हुए मौलाना सैयद सफदर हुसैन जैदी ने कहा कि आज हम सब रसूले खुदा हजरत मोहम्मद मुस्तफा स.अ. व उनके बड़े नवासे हजरत इमाम हसन की शहादत को मनाने के लिए इकट़्ठा हुए हैं। इमाम हसन को जालिमों ने जहर देकर शहीद किया था। मजलिस के बाद जुलूस निकाला गया। तकरीर बेलाल हसनैन ने किया जिसके बाद शबीहे अमारियां बरामद हुर्इं। शहर की सभी प्रमुख अंजुमनों ने नौहा व मातम कर नजराने अकीदत पेश किया। जुलूस अपने कदीम रास्तों से होता हुआ इमामबाड़ा मीरअजहर मरहूम पहंुचा जहां अलविदाई तकरीर मौलाना शेख हसन जाफर ने किया। जिसके बाद शबीहे ताबूत को अलम से मिलाया गया। संयोजक अमीर हैदर अम्मन ने आभार प्रकट किया। सोजखानी शबाब हैदर व उनके हमनवां ने किया। इस मौके पर रियाजुल हसन, शबीहुल हसन, नफीस हैदर सहित अन्य लोग मौजूद रहे।