सावन का महीना खुशहाली का प्रतीक : प्रो. निर्मला एस. मौर्य
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि सावन का महीना हिंदुओं के लिए पवित्र माह होता है। इस माह में भगवान शिव की पूजा-अर्चना होती है। सावन का महीना सभी के लिए सुख समृद्धि लेकर आता है। इस महीने में जहां धरती की प्यास बुझती है वहीं खेतों में कई फसलों की बुवाई भी होती है। सावन का महीना जीव-जन्तु, पक्षी के लिए खुशहाली लेकर आता है। सबको गर्मी से निजात मिलती हैं। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं से जोड़ने के लिए इस महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन से महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।
महोत्सव की मुख्य अतिथि जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. लक्ष्मी सिंह थी। उन्होंने पूर्वांचल सावन महोत्सव के कार्यक्रम की सराहना की। महोत्सव की संयोजक डा. जाह्नवी श्रीवात्सव ने कहा कि मिशन शक्ति और महिला अध्ययन केंद्र दोनों का मकसद महिलाओं को सबल और आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने महोत्सव में आए अतिथियों का स्वागत किया। महोत्सव में बाल विवाह निषेध को कठपुतली के माध्यम से दिखाया गया। इसके बाद रामकिशुन महाविद्यालय के विद्यार्थियों की ओर से शिव पार्वती, राधाकृष्ण नृत्य और शिव तांडव को लोगों ने सराहा। इसके बाद महिलाओं की ओर से कजरी का गायन हुआ। विद्यार्थियों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
संचालन सलमान शेख और धन्यवाद ज्ञापन डा. वनिता सिंह ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव महेन्द्र कुमार वित्त अधिकारी संजय कुमार राय प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. रजनीश भास्कर, डॉ. मनोज मिश्रा, एनएसएस समन्वयक डा. राकेश यादव, डा. जगदेव, डा. सुनील कुमार, सहायक कुलसचिव अमृतलाल पटेल, बबिता सिंह, अजीत सिंह, दीपक सिंह , डा. अनिता सिंह, डा. माया सिंह, डा. ज्योत्सना श्रीवास्तव , डा. सुनीता गुप्ता, डा. सिंधुजा श्रीवास्तव, डा. नीतू सिंह, डा. संगीता सिंह, डा. रीतू मौर्या, डा. माया मौर्या, अनु त्यागी, डा. पूजा सक्सेना, डा. रेखा पाल, अन्य शिक्षक तथा आसपास की लोग महोत्सव में उपस्थित रहे।