छात्राओं की संख्या कम रही तो नहीं बनेगा कॉलेज में परीक्षा केंद्र
परीक्षा केंद्र निर्धारण समिति की बैठक पूर्वांचल विश्वविद्यालय के सभागार में हुई। जिसमें सेंटर निर्धारण को लेकर समिति ने चर्चा किया । स्नातक- परास्नातक के प्रथम सेमेस्टर में जो कालेज परीक्षा केंद्र बने थे उसमें कई कालेजों का सेंटर तोड़ा जाएगा। जिसके पीछे का कारण है कि जिनके यहां सेकंड सेमेस्टर में छात्राओं की संख्या में सौ से कम होगी, वहां छात्राओं का सेंटर सेल्फ नहीं रखा जाएगा। बल्कि उन्हें उनके यहां छात्राओं को भी दूर दराज दूसरे परीक्षा केंद्र पर परीक्षाए देनी होगी। इसके अलावा कालेज का स्थाई मान्यता, प्राचार्य, शिक्षक अनुमोदन न होने पर भी सेंटर टूटेगा। जबकि कोविड काल के दौरान कई कालेजों ने स्थाई मान्यता नहीं करा पाये थे, उन पर तलवार लटक गई है। इसके अलावा सेंटर तोड़ने के और भी कई मानक निर्धारण किए गए। मालूम हो कि इसके पूर्व शासन व कोर्ट के निर्देशानुसार छात्राओं का सेंटर स्वकेन्द्र रहता था। जबकि छात्रों का सेंटर दूसरे परीक्षा केंद्र पर जाता था। हालांकि ऐडेड कॉलेज पर यह नियम लागू नहीं किया गया था। परीक्षा केंद्र निर्धारण समिति में महज तीन सदस्यों सदस्यों की उपस्थिति में यह निर्णय लिया गया। जिसकी जानकारी होते ही कालेज प्रबंधकों में खलबली मच गई। परीक्षा केंद्र निर्धारण समिति की बैठक में शिक्षक संघ के अध्यक्ष विजय सिंह, महामंत्री डॉ राहुल सिंह, मड़ियाहूं पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुरेश पाठक मौजूद रहे। जबकि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी वाराणसी व परीक्षा नियंत्रक नहीं थे । इसके बाद भी केंद्र निर्धारण संघ की बैठक को लेकर सवाल खड़े हो गए ।
मुझे कुछ घंटे पहले ही मीटिंग की सूचना दी गई ,लेकिन मेरा कोर्ट शेड्यूल बिजी होने के चलते मीटिंग में अचानक शामिल नहीं हो सकता था। मुझे शासन की ओर से मेंबर जरूर बनाया गया है, लेकिन सूचना देने में काफी लापरवाही की जाती है। अगर ऑनलाइन भी बैठक कराया जा सकता था । जो बैठक हुई है उसके निर्णय के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। क्या निर्णय लिया गया इस बारे में हम परीक्षा नियंत्रक से बात करेंगे।
ज्ञान प्रकाश वर्मा
क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी वाराणसी
सेंटर निर्धारण में पैसों का खेल करने के चलते सेंटर तोड़ा जा रहा है, खुलेआम कोर्ट और शासन के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है ,यूजी पीजी प्रथम सेमेस्टर में जैसे सेंटर बने थे, नियम के तहत वही सेंटर बनना चाहिए। अगर शासन व कोर्ट के नियमों में बदलाव किया गया तो कॉलेज महाप्रबंधक संघ इसका पुरजोर विरोध करते हुए परीक्षाओं का बहिष्कार करेगा और धरना प्रदर्शन करते हुए किसी भी हद तक जाएगा।
डॉ दिनेश तिवारी
अध्यक्ष
स्ववित्तपोषितौ कॉलेज महाप्रबंधक संघ पूविवि