आज़ादी की लड़ाई के क्रांतिकारी योद्धा थे मदन लाल धींगरा : डॉ. नितेश
डॉ जायसवाल ने बताया कि मदन लाल धींगरा ने लंदन में अपनी पढ़ाई के दौरान अंग्रेज अधिकारी कर्जन वायली की 1 जुलाई 1909 को गोली मारकर हत्या कर दी। जिसके कारण उन्हें 17 अगस्त 1909 को लंदन में ही फांसी की सजा दी गई। मदन लाल धींगरा के योगदान को युगों-युगों तक याद किया जाता रहेगा। युवा उनके व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान दें। राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डा. राकेश यादव ने कहा कि मदन लाल धींगरा ने आजादी के आन्दोलन को क्रान्तिकारी आन्दोलन में बदल दिया था। उन्होंने मदन लाल धींगरा के कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।
अतिथियों का स्वागत व संचालन डा. शशिकांत यादव ने किया। मिशन शक्ति की समन्वयक डॉ जाह्नवी श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर प्रो. देवराज सिंह, प्रो. अविनाश पाथर्दिकर, डा. अलोक वर्मा, डॉ आलोक दास, सौरभ सिंह, डॉ पूनम व विद्यार्थी शामिल हुये।