संरक्षक राकेश श्रीवास्तव के नेतृत्व में सेवकों ने लगायी आवाज
ज्ञापन में मांग किया गया कि ग्राम रोजगार सेवकों समेत मनरेगा के अन्य समस्त कर्मियों की ईपीएफ धनराशि कटौती किये जाने के बाद भी उनके निजी खाते में अभी तक विकास खंड कार्यालयों से कोई राशि नहीं भेजी गयी जबकि इस सम्बन्ध में पूर्व में दिये गये मांग पत्र पर खुद डीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया था। जिलाध्यक्ष लक्ष्मी नारायण चौरसिया ने बताया कि शासन के विशेष निर्देश पर वर्ष 2019-20 में जिले भर के सभी संविदा कर्मियों का इपीएफ का खाता खुलवाया गया था। इसके बाद अप्रैल 2020 से प्रति माह मिलने वाले मानदेय से नियमित तौर पर जिले के सभी ब्लाक स्तर से कटौती की गयी परंतु किसी भी संविदाकर्मी का ईपीएफ से काटी गयी राशि की रकम उसके निजी खाते में अन्तरित नहीं की गयी।
उधर ईपीएफ रकम काटे जाने के बाद भी सम्बन्धित संविदा कर्मियों के परिजनों को किसी प्रकार की राशि न मिलने से उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद ही खराब हो गयी है। उन्होंने बताया कि अभी 15 दिन पहले ग्राम रोजगार सेवकों का एक प्रतिनिधिमण्डल जिलाधिकारी से मुलाकात करके ईपीएफ की धनराशि जमा कराने की मांग किया। ऐसे में जरूरत है कि उक्त मामले की जांच करके सम्बन्धित दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाय।
इस अवसर पर महेन्द्र यादव, बृजेश मौर्य, संतोष मौर्य, दिलीप आर्य, आशीष कुमार, संजय गुप्ता, कमलेश कुमार, रतन लाल गुप्ता, उर्मिला यादव, शोभा यादव, ज्योति यादव आदि उपस्थित रहे। जिलाधिकारी को दिये गये मांग पत्र के माध्यम से जिलाध्यक्ष श्री चौरसिया ने बताया कि अधिकारियों की लापरवाही से अब तक जिले में 3 ग्राम रोजगार सेवकों की मौत हो चुकी है। मृतकों में शिव रामकृष्ण विश्वकर्मा ग्राम पंचायत दुहावर विकास खण्ड रामनगर एवं कैलाश चन्द्र यादव ग्राम पंचायत रामनगर विकास खण्ड बदलापुर और जयशंकर दूबे ग्राम सीहीपुर विकास खण्ड सिकरारा हैं।