दो गांवो से आ रही बारात इस वर्ष भी वगैर दुल्हन के वापस लौट गयी
राजेपुर व कजगांव से लड़कियां जरई बहाने राजेपुर के कजरहवा पोखरा पर आती हैं। इनके बीच कजली का मुकाबला होता है वे एक-दूसरे से जीतना चाहती हैं, लेकिन शाम होते-होते कोई परिणाम सामने नहीं आता। बुधवार को हुए आयोजन में राजेपुर की तरफ से दद्दू साव तथा कजगांव की लड़कियों की ओर से कालिका साव लड़कियों को घर ले जाने को आए। लड़कियों ने कहा कि जब तक कजरी का फैसला नहीं हो जाता तब तक हम सभी यहां से नहीं जाएंगे। इस पर राजेपुर की लड़कियों के सदस्य दद्दू साव ने कहा कि अब शाम हो गई है। पोखरे पर रहकर कजरी करना ठीक नहीं है। सभी लोग मेरे घर चलें वहीं पर कजरी मुकाबला होगा। वहां भी पूरी रात कजली चली, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकल सका। जब कजगांव की लड़कियां जाने लगी तो दद्दू साव ने परंपरा के अनुसार उनकी विदाई की। यही परंपरा इन दोनों गावों के लोग प्रतिवर्ष मनाते चले आ रहे हैं। दोनों गांवों की तरफ से दूल्हा आते हैं, लेकिन दुल्हन नहीं ले जा पाते।