ज़ालिम के खिलाफ आवाज बुलंद करना ही इंसानियत : मौलाना फ़ज़ले मुमताज़
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जौनपुर । ए.एम.सनबीम स्कूल,ऊर्दू बाज़ार मे अहसन अब्बास मरहूम के इसालेसवाब की मजलिसे तरहीम को संबोधित करते हुए मौलाना फ़ज़ले मुमताज खान ने कहा की इमाम हुसैन ने कर्बला के मैदान मे अपनी शहादत इंसानियत के लिए पेश की उन्होने दुनियाँ के मज़लुमो को यह राह दिखाई की वो दुनियाँ के हर ज़ालिम के खिलाफ आवाज़ बुलंद करे मुसलमानो को कर्बला वालों की शाहादत से सीख लेना चाहिए मज़लुम का सहारा बनना चाहिए दीन तब ही किसी को मोमिन बनाता है जब उसका अक़ीदा उसकी रूह(आत्मा)मे दाखिल हो जाये तब वह दुनिया की मोहब्बत छोड़ कर दीन पर सब कुछ कुर्बान करने को तैयार हो जायेगा यह जज़बा कर्बला के शहीदो मे था उन्होने ने अपना सब कुछ इस्लाम पे कुर्बान कर दिया,इमाम हुसैन और उनके कुनबें पे ज़ालिमों ने जो ज़ुल्म किये उसे जब ब्या किया तो वहा उपस्थित सभी की आँखे नम हो गयी,मजलिस मे सोज़खानी डा,एबाद अली ने किया अंजुमन कौसरिया रिज़वीं खां ने पूरदर्द नौहा पेश किया,इस मोके पे कसीर तादात मे मोमनीन मौजूद रहे मुख्य रूप से नजमुल हसन नजमी,हाजी नसीम हसन,सय्यद अब्बास हुसैन,मिर्ज़ा हसनैन,नाज़िम हुसैन,नक़ी हसन,शबीह अब्बास,ए.एम.डेज़ी,मुसतफा़ शम्सी,मिर्ज़ा रूशैद,नजमी रिज़वीं, तालिब रज़ा शकील, मौलाना शाने आलम, मौलाना सैयद मो.दानिश,सरदार हुसैन,बेलाल जानी,सरफराज अहमद, सेराज अहमद दरोगा, अरविंद कुमार, शाहिद हुसैन गुड्डू,वसीम हुसैन मास्टर,इरशाद हुसैन ज़ैदी,नसिर रज़ा,बाबू,एजाज़ हुसैन,मासूम हुसैन,परवेज़ हुसैन,शाहिद मेंहदी,असलम नकवी थे बानिये मजलिस शकील अहमद, तहसीन अब्बास ने आये हुए सभी मोमनीन का शुक्रिया अदा किया ।