दूसरे दिन दही हांडी फोड़ प्रतियोगिता का हो सका फैसला
सामान्य तौर पर दही हांडी फोड़ प्रतियोगिता के आयोजन में प्रतिभागी टीम बनाकर एक दूसरे के कन्धे के ऊपर चढ़कर हांडी फोड़ने का प्रयास करते हैं, किन्तु ऐसा करते समय कभी कभार सन्तुलन बिगड़ने पर चोट लगने की सम्भावना रहती है। ऐसे में प्रतियोगिता के प्रारुप में परिवर्तन करके एकल प्रयास पर कर दिया गया था। प्रतिभागी को आंखों पर पट्टी बांध कर बंधी मटकी से दूर ले जाकर छोड़ दिया जाता था। प्रतिभागी पास आकर लाठी के सहारे मटकी फोड़ने का प्रयास करता था।
शनिवार को करीब 15 प्रतिभागियों ने प्रयास किया लेकिन निर्धारित समय 2 मिनट के अन्दर कोई मटकी फोड़ नहीं सका बारिस के कारण प्रतियोगिता स्थगित कर दी गई थी। रविवार की सुबह 17 प्रतिभागियों ने प्रयास किया किन्तु असफल रहे अन्ततः बामी गांव के ही निवासी समयनाथ तिवारी का प्रयास सफल रहा और उन्होंने मटकी फोड़ दी। इस पर उन्हें 2100 रुपए का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। आज की इस प्रतियोगिता में बच्चों से लेकर बड़ों ने बारी बारी से किस्मत आजमाईश की। प्रतियोगिता स्थल पर क्षेत्र के कई गांवों के लोग एकत्रित रहे।